कैंट की वोटर लिस्ट से 30 हजार लोग बाहर, नहीं चुन पाएंगे सदस्‍य Meerut News

एक लाख से अधिक आबादी वाले छावनी क्षेत्र में इस बार केवल 29 हजार मतदाता वैध रह गए हैं। छावनी परिषद की नई मतदाता सूची से 30 हजार लोगों को बाहर कर दिया गया।

By Prem BhattEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 11:52 AM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 03:46 PM (IST)
कैंट की वोटर लिस्ट से 30 हजार लोग बाहर, नहीं चुन पाएंगे सदस्‍य Meerut News
कैंट की वोटर लिस्ट से 30 हजार लोग बाहर, नहीं चुन पाएंगे सदस्‍य Meerut News

मेरठ, जेएनएन। एक लाख से अधिक आबादी वाले छावनी क्षेत्र में इस बार केवल 29 हजार मतदाता वैध रह गए हैं। छावनी परिषद की नई मतदाता सूची से 30 हजार लोगों को बाहर कर दिया गया। अब ये लोग छावनी परिषद के चुनाव में अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। वर्ष 2015 के छावनी परिषद के चुनाव में ये सभी मतदाता थे।

नई मतदाता सूची का आधार सर्वे

छावनी परिषद की ओर से हर साल मई माह में नई मतदाता सूची तैयार करने के लिए सर्वे किया जाता है। इस बार सर्वे और आपत्तियों की सुनवाई के बाद वोटरलिस्ट तैयार हुई है। इसके आधार पर वर्ष 2020 का चुनाव होगा। छावनी परिषद का वर्ष 2015 में जब चुनाव हुआ था। उस समय आठ वार्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 63 हजार थी, छावनी परिषद ने मतदाता सूची से झुग्गियों के वोट को काटते हुए जो मतदाता सूची तैयार किया है। उसमें सभी आठ वार्ड से कुल 29 हजार तीन सौ आठ मतदाता वैध पाए गए। छावनी की तैयार हुई वोटर लिस्ट से अगले साल 2020 में चुनाव होगा। ऐसे में नए वोटर लिस्ट से वैध से अधिक अवैध वोट पाए गए हैं, जिन्हें बाहर कर दिया गया है।

ये हो गए बाहर

रक्षा मंत्रलय के आदेश पर कि छावनी परिषद क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण और अवैध कब्जे कर झुग्गी झोपड़ी वाले लोगों को मतदाता सूची से बाहर किया गया। बंगले में रहने वाले लोगों का नाम भी वोटर लिस्ट से कट गया है। सभी वार्ड से अवैध कब्जेदारों को मतदाता सूची से बाहर किया गया है।

1500 नए वोट बनें

छावनी में 18 साल से अधिक आयु पूरी करने वाले करीब 1500 नए मतदाता बने हैं। छावनी परिषद में पिछले महीने जो आपत्तियां आई थीं, उसमें केवल 691 को वोटरलिस्ट में शामिल किया गया। 625 को निरस्त कर दिया गया।

बदल न जाए छावनी की श्रेणी

मेरठ छावनी ए श्रेणी की है। यह श्रेणी वार्ड और आबादी से तय होती है। मतदाताओं की संख्या कम होने से यह आशंका भी है, कहीं छावनी की श्रेणी न बदल जाए। अगर ऐसा हुआ तो रक्षा मंत्रलय से मिलने वाले बजट पर असर पड़ेगा। हालांकि वार्ड के परिसीमन को लेकर बोर्ड सदस्यों ने विरोध किया था। इसकी वजह से वार्ड का परिसीमन नहीं होगा। आठ वार्ड के चुनाव होंगे।

आर्मी के 467 वोट शामिल

छावनी परिषद ने जिस वोटरलिस्ट को तैयार किया है। उसमें आर्मी के सभी वोट शामिल नहीं हुए हैं। छावनी परिषद ने सब एरिया से आर्मी का नाम भेजने को कहा है। मतदाता सूची में 467 आर्मी के सदस्य जुड़े हैं। आर्मी की नई यूनिट आने वाली है। ऐसे में मतदाता सूची में चार हजार आर्मी के वोट जुड़ेंगे।

इनका कहना है

वार्ड के सर्वे और पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद नई वोटर लिस्ट तैयार हुई है। इसमें अवैध कब्जे, झुग्गी के वोट कट गए हैं। जो मतदाता सूची तैयार हुई है, उसमें आर्मी का वोट अभी जोड़ा जाएगा। इसी वोटरलिस्ट के हिसाब से आगे छावनी परिषद में सदस्यों का चुनाव होगा।

- प्रसाद चव्हाण, सीईओ, कैंट बोर्ड 

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