पशुओं की भी 'सुरक्षा' कर रही फौज

अमित तिवारी, मेरठ पशु प्रेमियों के लिए उनके पालतू जानवर परिवार के सदस्य की तरह ही होते हैं। उन्हें

By Edited By: Publish:Mon, 20 Oct 2014 01:35 AM (IST) Updated:Mon, 20 Oct 2014 01:35 AM (IST)
पशुओं की भी 'सुरक्षा' कर रही फौज

अमित तिवारी, मेरठ

पशु प्रेमियों के लिए उनके पालतू जानवर परिवार के सदस्य की तरह ही होते हैं। उन्हें कुछ हो जाए तो परिवार में बेचैनी बढ़ जाती है। दुश्वारी तो तब होती है जब रुपये खर्च करने के बावजूद उचित इलाज नहीं मिल पाता। ऐसे ही पशु प्रेमियों के लिए आरवीसी सेंटर एंड कालेज के कमांडेंट मेजर जनरल जगविंदर सिंह ने गत वर्ष सितंबर महीने में ही वेटनरी ओपीडी क्लीनिक की स्थापना की थी, जिससे पशु प्रेमी अपने बीमार साथी का अच्छे से अच्छा इलाज करा सकें। यहां पालतू स्वान व घोड़ों को साधारण बीमारियों की दवाइयों के साथ ही नि:शुल्क उपचार भी किया जाता है।

यहां हैं अत्याधुनिक सुविधाएं

आरवीसी (रिमाउंट वेटनरी कोर) के सेंटर एंड कालेज के पशु चिकित्सा संकाय (वेटनरी ट्रेनिंग फैकल्टी) में इस सुविधा को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य यहां चिकित्सा संबंधी उपलब्ध अत्याधुनिक उपकरणों व विभिन्न प्रकार की जांच सुविधाओं का लाभ पशु पालकों को पहुंचाना है। इलाज के दौरान जरूरत के अनुसार, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्सरे, लेजर थेरेपी, ईसीजी व मल्टीपैरामीटर मॉनीटर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।

होती है महंगी सर्जरी

साधारण बीमारियों के इलाज व दवाइयों के साथ ही आरवीसी सेंटर एंड कालेज में स्थित अत्याधुनिक शल्य कक्ष (ऑपरेशन थिएटर) की सुविधा में सेंटर के विशेषज्ञ पालतू जानवरों की महंगी सर्जरी भी करते हैं। इनमें ट्यूमर यूरीनरी ब्लैडर, मेमरी ग्लैंड ट्यूमर, इंट्रा मेडुलरी पिनिंग, स्पेइंग आदि तरह की सर्जरी शामिल हैं।

बढ़ रही है संख्या

शुरुआती दिनों में यहां आने वाले बीमार पशुओं की संख्या कम थी, लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं की जानकारी होने पर लोगों की संख्या बढ़ने लगी है। अब तक इस सेंटर में 725 पालतू कुत्तों व घोड़ों का सफल इलाज किया जा चुका है। वैसे तो देखने का समय सुबह 9:30 बजे से 12:30 बजे तक को है, लेकिन जरूरत पड़ने पर पशुओं को शाम को भी बुलाया जाता है।

सुधर गई सेहत

- हम दो साल से अपने स्वान के स्किन का इलाज करा रहे थे। इसके आस-पास बहुत दुर्गध रहती थी। एक लाख से अधिक रुपये भी लग गए, लेकिन इलाज कुछ नहीं हो सका। हालांकि यहां सात दिनों में ही लगभग 70 प्रतिशत सुधार हो गया है।

- दीपक, चालक

- हमारे कुत्ते को खुजली की बीमारी थी। शरीर से खून निकलने लगा था। बाहर का इलाज काफी महंगा पड़ रहा था। यहां पिछले तीन दिन में ही इसकी सेहत में काफी सुधार हो गया है।

- बीना, मोहनपुरी

इनका कहना है..

- यहां हर बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सक होने के साथ ही आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। पशु प्रेमी यहां न्यूनतम खर्च में बेहतरीन उपचार प्राप्त कर सकते हैं।

- कैप्टन सुनील उत्तम

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