केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, एक्‍सप्रेस-वे, रैपिड रेल समेत कई प्रोजेक्‍ट पर हुआ काम तेज Meerut News

एक्सप्रेस वे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रैपिड रेल मेरठ-बुलंदशहर हाईवे मेरठ-सोनीपत हाईवे आइटी पार्क जैसे कार्य में अब तेजी आ रही है। प्रशासन ने इस संबंध में मंजूरी दी है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 11:59 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 11:59 PM (IST)
केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, एक्‍सप्रेस-वे, रैपिड रेल समेत कई प्रोजेक्‍ट पर हुआ काम तेज Meerut News
केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, एक्‍सप्रेस-वे, रैपिड रेल समेत कई प्रोजेक्‍ट पर हुआ काम तेज Meerut News

मेरठ, जेएनएन। मेरठ को जिन विकास योजनाओं की दरकार दशकों पहले थी और उन्हें तभी मिल जाना चाहिए था पर मेरठ के सपनों को धरातल पर साकार करने के लिए मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति अब होते हुए दिखाई दे रही है। कहने को तो बहुत से प्रोजेक्ट बहुत पुराने हैं पर वह अब हो रहे हैं । प्रोजेक्ट धरातल पर साकार हो रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट के राह में जो जो बाधाएं थी उसे दूर करने की कोशिश की। मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो चुका है। ऐसे में किस प्रोजेक्ट पर पर केंद्र सरकार ने कितना ध्यान दिया इसका आकलन भी हो जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि है कि इस साल सरकार ने अपने सभी परियोजनाओं पर जितना ध्यान दिया उतना ही उसे पूरा करने के लिए मॉनिटङ्क्षरग भी उतनी ही सख्त की। इस साल मेरठ को कई तोहफे भी मिले। आइए देखते हैं कौन-कौन से प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के हैं। और उसे इस साल कैसे किक मिली।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की बाधाएं की दूर

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे राह में तमाम बाधाएं आती गई । बहुत सी बाधाएं तो प्राकृतिक थी, पर कुछ ऐसी बाधाएं भी थीं जो स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा उत्पन्न की गई थी। ऐसी परिस्थिति आई मुआवजा की। किसानों को पहले ही मुआवजा मिल चुका था पर बाद में किसानों ने नए सिरे से मुआवजा की मांग कर दी। इन सब वजह से लगातार काम प्रभावित रहा। किसान काम रुकवाते रहे। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से लगातार मार्केटिंग की गई। स्थानीय सांसदों के साथ ही जिलाधिकारियों को आदेश आते रहे जिस पर किसानों से संपर्क भी हुआ। उनकी कई मांगों पर विचार भी हुआ। जो मांगे पूरी नहीं की जा सकती थी उसके लिए किसानों से बैठकर बात हुई। तब जाकर किसान मशीनों के आगे से हटे और काम चला। वैसे तो यह प्रोजेक्ट इसी साल मिलने वाला था पर बेमौसम बारिश और अब लॉकडाउन ने इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने पर मजबूर कर दिया है। फिलहाल केंद्र सरकार ने छह महीने का वक्त दिया है यानी अभी कोई बाधा नहीं आई तो दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।

हर बजट में रैपिड रेल को धन देती रही सरकार

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रैपिड रेल वैसे तो काफी पहले प्रस्तावित हो गई थी पर इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उन्होंने जिस तरह से इसे विकास का इंजन बताया था उसी तरह से उनकी सरकार ने हर साल बजट में इसके लिए धन आवंटित करती रही। इस साल भी केंद्र सरकार ने इसके लिए धनराशि उपलब्ध कराई। केंद्र सरकार का अभियान है मेक इन इंडिया। इसके तहत रैपिड रेल के डिब्बे भी देश में ही बनेंगे। इसकी घोषणा इसी साल हुई।

बुलंदशहर हाईवे को भी दी महत्ता

मेरठ- बुलंदशहर हाईवे यानी एनएच 235 बहुत ही जल्द आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में भी मुआवजा से लेकर के अन्य कई बाधाएं समय-समय पर आती रही जिसका समाधान केंद्र सरकार ने बड़ी तेजी से किया। जिसकी बदौलत मुआवजा प्रकरण हल हुआ और काम आगे बढ़ा। इसी का नतीजा है कि अब इस साल इसके थोड़े बहुत रुके हुए काम भी पूरे हो जाएंगे और हाईवे खोल दिया जाएगा।

आईटी पार्क अब रोजगार देने वाला है

वेदव्यास पुरी में आईटी पार्क निर्माणाधीन है। यह केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है। इसकी भी मानिटङ्क्षरग केंद्र सरकार की ओर से लगातार की जाती रही है जिसकी बदौलत तमाम बाधाओं के बाद कार्य चलता रहा। यहां भी मुआवजे का प्रकरण बाधा पहुंचाता रहा जिसका समाधान निकाला गया। केंद्र सरकार की संस्था सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया जल्दी यहां पर कंपनियों को आमंत्रित करेगी। वैसे तो लॉकडाउन न होता तो अब तक यहां रोजगार के दरवाजे खुल जाते पर थोड़ी देरी हो जाएगी।

राष्ट्रीय संग्रहालय का मिला तोहफा

हस्तिनापुर हमेशा से उपेक्षित रहा पर इस साल मोदी सरकार ने सभी का दिल खुश कर दिया। यहां पर राष्ट्रीय संग्रहालय खोलने और उसके लिए धनराशि आवंटित किया। इससे मेरठ वैश्विक पटल पर स्थान बना पाएगा और ऐतिहासिक विरासत को संजोया जा सकेगा।

इनका कहना है

मोदी सरकार केंद्रीय प्रोजेक्ट को समझ पर पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करती रही। मोनिटरिंग हुई। केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने समीक्षा की। जिसके लिए धनाभाव था उसे धन आवंटित किया। इसी साल हस्तिनापुर को तोहफा मिला। लॉक डाउन न होता तो जून तक एक्सप्रेस वे शुरू भी हो जाता। आइटी पार्क का मैं खुद कई बार निरीक्षण करने गया। सरकार का यह साल भी मेरठ के लिए स्वागत योग्य रहा।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद  

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