बाइक के लिए दौड़ता रहा पीड़ित, पुलिस ने कर दिया नीलाम
जागरण संवाददाता वलीदपुर (मऊ) मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली थाना क्षेत्र के नगदोपुर गांव के मौज
जागरण संवाददाता, वलीदपुर (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली थाना क्षेत्र के नगदोपुर गांव के मौजा चांदपट्टी निवासी वंशराज यादव अपनी दो पहिया गाड़ी को छोड़वाने के लिए पुलिस विभाग में दौड़ते रहे। बाइक तो नहीं मिल पाई लेकिन आजमगढ़ जनपद के मुबारकपुर थाने की पुलिस ने बाइक को नीलाम कर दिया। अपनी ही बाइक को लेने के लिए वह आजमगढ़ व मऊ जनपद का आए दिन चक्कर लगा रहे हैं।
पीड़ित शेख अहमदपुर चट्टी पर काशी गोमती ग्रामीण बैंक का मिनी ब्रांच संचालक हैं। वह अपनी दोपहिया वाहन स्प्लेंडर प्रो गाड़ी से बीते 3 नवंबर सन 2018 को नगर के जमीन बरामदपुर स्थित ग्रामीण बैंक में निजी कार्य से आए हुए थे। बाइक को लाक कर बैंक के अंदर चले गये। वापस जब बाहर आए तो बाइक गायब थी। इस पर घटना की लिखित तहरीर कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने घटना के 13 दिन बाद मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की। मुकदमे की विवेचना मोहम्मदाबाद गोहना कस्बे के तत्कालीन चौकी इंचार्ज अजय त्रिपाठी द्वारा किया गया था। उन्होंने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाकर न्यायालय को भेज दिया लेकिन न्यायालय ने जांच रिपोर्ट को लेने से इन्कार कर दिया†ा लगभग तीन वर्षों तक मुकदमे की कार्रवाई की प्रक्रिया चलती रही कि इसी बीच अचानक बीते नौ जुलाई को आजमगढ़ जनपद के मुबारकपुर थाने द्वारा वाहन स्वामी के घर स्पीड पोस्ट से एक नोटिस भेजी गई। इसमें लिखा गया था कि आपकी गाड़ी थाने परिसर में सीज होकर लावारिस खड़ी है। आप 15 दिन के अंदर आवश्यक कागजात लेकर गाड़ी को रिलीज करा लीजिए। वरना बाइक को नीलाम कर दिया जाएगा। वाहन स्वामी ने नोटिस की बात 11 जुलाई को कोतवाली पुलिस से बताई। इस पर यहां से बताया गया कि उसे रिलीज कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे दीजिए। कोतवाली पुलिस के निर्देशानुसार कोर्ट में अर्जी दी गई। वहां से इस संबंध में कोतवाली से रिपोर्ट मांगी गई। बीते 22 अगस्त को कस्बा चौकी प्रभारी जगदीश सिंह द्वारा न्यायालय को मुकदमे की पुन: विवेचना के लिए रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई। इसी दौरान 13 सितंबर को आजमगढ़ आरटीओ से फोन आया कि आप की बाइक गुलाम गौश पुत्र अली मुल्लाह निवासी पुरानी बस्ती मुबारकपुर को 16 हजार रुपये में नीलाम कर दी गई है। पीड़ि त ने लिखित तहरीर संभागीय कार्यालय आजमगढ़ को देकर कागजात न बनाने की गुहार लगाई है। गाड़ी नीलाम होने से पूर्व वाहन स्वामी को स्पीड पोस्ट द्वारा नोटिस दी गई थी। उसमें 15 दिन का समय भी दिया गया था। गाड़ी लेने के लिए कोई थाने आया ही नहीं। ढाई माह बाद गाड़ी नीलाम हुई है। अभी भी गुंजाइश है कि जिसे गाड़ी नीलामी में मिली है उससे मिलकर नीलामी का पैसा देकर गाड़ी वापस मिल सकती है।
--एसपी सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक, मुबारकपुर, आजमगढ़