लू के थपेड़ों से सड़के हुईं वीरान, बरस रही आग

जागरण संवाददाता मऊ पिछले कई दिनों से उतार-चढ़ाव पर चल रहा मौसम का रुख अब बदला नजर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:56 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:11 PM (IST)
लू के थपेड़ों से सड़के हुईं वीरान, बरस रही आग
लू के थपेड़ों से सड़के हुईं वीरान, बरस रही आग

जागरण संवाददाता, मऊ : पिछले कई दिनों से उतार-चढ़ाव पर चल रहा मौसम का रुख अब बदला नजर आ रहा है। सुबह से ही लू के थपेड़ों से जनजीवन जहां अस्त-व्यस्त दिखा वहीं दोपहर में सड़कें वीरान दिख रही है। आसमान से आग बरस रही है। इसकी तपिश से मानव की बात तो छोड़िए पशु-पक्षी भी बेहाल नजर आ रहे हैं। चिलचिलाती धूप में किसान अपने खेतों में गेहूं की कटाई व मड़ाई में जुटे हैं। अपनी गाढ़ी कमाई के आगे आग उगल रहे सूरज की रोशनी फीकी पड़ रही है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे पेय पदार्थों की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं ककड़ी व खीरा की डिमांड बढ़ गई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस पर रहा। सुबह से ही गर्म हवाएं चलने लगी। इस गर्मी में पहली बार लोगों को लू के थपेड़ों का अहसास हुआ। थोड़ी देर के लिए सुबह आसमान बादलों से ढक गया था। सोमवार का दिन होने की वजह से लोग सड़कों पर नजर आ रहे थे। चिलचिलाती धूप की वजह से लोग छटपटाने लगे। जो सड़क पर चल रहे थे वह लोग टोपी, गमछा लपेट कर ही चल रहे थे। मुहम्मदाबाद गोहना प्रतिनिधि के अनुसार दुकानों पर ग्राहकों का अभाव देख व्यापारी भी शटर गिराकर आराम फरमाते देखे जा रहे हैं। गर्मी व तेज धूप लू के थपेड़ों से जगह-जगह की बाजारों में मटका, सुराही आदि की दुकानें सज गईं हैं। धूप व लू जैसी गर्म हवाओं ने राहगीरों का जीना मुहाल कर रखा है। घर से बाहर निकलते समय लोग टोपी व गमछा दुपट्टा चश्मा लगाते देखे जा रहे हैं। महिलाएं भी सूती कपड़ों से पूरे शरीर को ढककर ही कहीं निकल रही हैं। इस तरह के पढ़ रही गर्मी से उल्टी, दस्त, बुखार, सर्दी, डायरिया जैसी बीमारियां का बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर इस गर्मी में मां का दूध ही नवजात शिशु की देखभाल करेगा। अगर ज्यादा देर तक शिशु भूखा रहता है तो उसे डी-हाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर इस मौसम में बच्चे को मां का दूध पेट भर नहीं मिलता है। उसके बीमार होने के ज्यादा संभावना रहती है, क्योंकि नवजात के जन्म से एक साल तक मां के दूध से ही बच्चे के शरीर की सारी आवश्यकताएं पूरी होती रहती हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए लोग अपने घरों से लोग निकलना कम कर दिए हैं। इसके कारण सड़कों पर वाहनों का आवागमन इस धूप में कम देखा जा रहा है जिससे सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

chat bot
आपका साथी