आधुनिकता के साथ संस्कार भी आवश्यक, माताओं की जिम्मेदारी

माताएं ही बच्चों में आदर्श संस्कारों का सृजन करती हैं। आधुनिकता के दौर में हमारे बच्चे पीछे न रहें, इसका ध्यान तो रखना ही होगा, साथ ही उनमें कभी संस्कारों का अभाव न हो, इसकी भी जिम्मेदारी मातृशक्ति की ही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 09:08 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 09:08 PM (IST)
आधुनिकता के साथ संस्कार भी आवश्यक, माताओं की जिम्मेदारी
आधुनिकता के साथ संस्कार भी आवश्यक, माताओं की जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, मऊ : माताएं ही बच्चों में आदर्श संस्कारों का सृजन करती हैं। आधुनिकता के दौर में हमारे बच्चे पीछे न रहें, इसका ध्यान तो रखना ही होगा, साथ ही उनमें कभी संस्कारों का अभाव न हो, इसकी भी जिम्मेदारी मातृशक्ति की ही है।

यह कहना है अखिल भारतीय कायस्थ महासभा महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष, जिला अस्पताल की होमियोपैथिक चिकित्साधिकारी डा. नम्रता श्रीवास्तव का। वे रविवार को महिला कायस्थ महासभा द्वारा आयोजित मातृ-सम्मेलन में अपने विचार प्रकट कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि हम सबको शिक्षा के प्रति वंशानुगत अवधारणा को ध्यान में रखते हुए उस ओर सतत ध्यान देना होगा। उच्च शिक्षा, मजबूत संगठन के बल पर ही हम कायस्थ समाज के प्राचीन गौरवशाली वैभव को पुन: प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर कायस्थ महासभा के संरक्षक बीके श्रीवास्तव, प्रदेश सचिव व होमियोपैथिक चिकित्साधिकारी डा. अर¨वद श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्रवीण श्रीवास्तव, मीडिया प्रकोष्ठ के जिला महामंत्री व करहां व्यापार मंडल अध्यक्ष विष्णुकांत श्रीवास्तव, संरक्षिका शोभा श्रीवास्तव, शनी श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव, रवि श्रीवास्तव, अदिति श्रीवास्तव, आयुष श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित थे।

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