Mukhtar Ansari: जेल में जहर... मुख्तार को इनपर था शक, अदालत से कई बार की थी शिकायत

मुख्तार अंसारी ने कई बार अदालत में पत्र सौंपकर खुद को जहर देने का आरोप लगाया था। मुख्तार की मौत के बाद यह पत्र भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। दक्षिणटोला थाना के शस्त्र लाइसेंस के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) श्वेता चौधरी की अदालत में 20 मार्च को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्तार ने जेल में अपनी जान को खतरा बताया था।

By Jaiprakash Nishad Edited By: Aysha Sheikh Publish:Sat, 30 Mar 2024 08:07 AM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2024 08:07 AM (IST)
Mukhtar Ansari: जेल में जहर... मुख्तार को इनपर था शक, अदालत से कई बार की थी शिकायत
Mukhtar Ansari: जेल में जहर... मुख्तार को इनपर था शक, अदालत से कई बार की थी शिकायत

जागरण संवाददाता, मऊ। मुख्तार अंसारी ने कई बार अदालत में पत्र सौंपकर खुद को जहर देने का आरोप लगाया था। मुख्तार की मौत के बाद यह पत्र भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। दक्षिणटोला थाना के शस्त्र लाइसेंस के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) श्वेता चौधरी की अदालत में 20 मार्च को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्तार ने जेल में अपनी जान को खतरा बताया था।

इसके बाद उसके वकील ने 21 मार्च को अदालत में आवेदन पत्र देकर सरकार व जेल प्रशासन सहित अन्य लोगों पर षड्यंत्र कर जान से मारने व बीते 19 मार्च को जहर देने का आरोप लगाते हुए विधिक कार्रवाई की गुहार लगाई थी। उसके आवेदन पर अदालत ने बांदा जेल से 27 मार्च को रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन जेल प्रशासन से इस आवेदन पर कोई आख्या नहीं दी थी।

मुख्तार अंसारी के वकील ने बीते 27 मार्च को पुनः एक आवेदन दिया कि जेल प्रशासन द्वारा बंदी मुख्तार को बांदा मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया, फिर दूसरे दिन निकाल कर वापस जेल में डाल दिया गया है। उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। मुख्तार की तरफ से कहा गया कि पिछली दरखास्त पर कोई आख्या नहीं आई और आरोपित की तबीयत खराब है।

उसे साजिश के तहत अस्पताल से पुनः जेल भेजा गया, ताकि उसकी हत्या की जा सके। बंदी की तरफ से विधिक कार्रवाई का आग्रह किया गया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बंदी की तरफ से आवेदन पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख लिया था। अभी अर्जी दिए एक दिन ही बीता था कि 28 मार्च की रात मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इसी के साथ उसके अर्जी का भी अंत हो गया।

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