अमृत सरोवर योजना से दूर ब्रह्मस्थान का ऐतिहासिक पोखरा

सरकार की मंशा पर इन दिनों पूरे पदेश

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Jun 2022 07:43 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jun 2022 07:43 PM (IST)
अमृत सरोवर योजना से दूर ब्रह्मस्थान का ऐतिहासिक पोखरा
अमृत सरोवर योजना से दूर ब्रह्मस्थान का ऐतिहासिक पोखरा

अमृत सरोवर योजना से दूर ब्रह्मस्थान का ऐतिहासिक पोखरा

जागरण संवाददाता, मऊ : जल संचयन के साथ लोगों को रोजगार देने के लिए अमृत सरोवर की खोदाई की जा रही है लेकिन शहर के हृदयस्थल पर स्थित ब्रह्मस्थान पोखरे पर किसी अधिकारी की नजरें इनायत नहीं हो रही हैं। सभी उच्चाधिकारियों का आवास भुजौटी में बना है। सभी अपने कार्यालय इसी पोखरे मार्ग से होकर गुजरते हैं, इसके बावजूद इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

तालाब के चारों ओर सीढ़ी बनाने से लेकर चारों तरफ इंटरलाकिंग का भी कार्य किया गया है। यह स्थल नियमित प्रशासनिक उपेक्षा का दंश भी झेलता रहता है। आस-पास के मंदिरों पर वर्षभर में पूजन व मेले का आयोजन होता है। डाला छठ, देव दीपावली के साथ कुछ विशेष अवसर पर लगने वाले मेले के दौरान ही इसकी सफाई की जाती है। कई मौके तो ऐसे भी आए है, जब स्थानीय व मंदिर समिति के लोगों ने खुद के खर्च से इसकी सफाई कराई। कई मोहल्लों के लोग यहां पितृ पक्ष में श्राद्धकर्म भी करते है। वर्तमान समय में सरकार की तरफ से जिस मानकों के साथ माडल के आधार पर अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, उन सभी मानकों पर ब्रह्मस्थान का यह पोखरा खरा उतर रहा है। इसके बावजूद इसकी सुधि न लेना शहरवासियों के गले नहीं उतर रहा है।

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शहर में अभी एक पोखरे को अमृत सरोवर के लिए चयनित किया गया है। बाकी अन्य तीन के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ब्रह्मस्थान का पोखरा भी पूरी तरह सुसज्जित है। उसका रखरखाव निजी हाथों में रहता है।

- दिनेश कुमार

अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका

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