ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी खाद्य पदाथरें की भरमार

जनपद के मुख्यालयों के बाजार सहित तहसील स्तर की दुकानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचते समय उन्हें यह डर भी सताती रहती है कि कब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के हत्थे चढ़ जाऊ कोई ठीक नहीं है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बस्तियों में चौराहे चट्टी पर खुले बाजार व दुकानों के साथ उनके बड़ी बाजारों में दुकानदार बिना डर भय के धड़ल्ले के साथ स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे है। जिन्हें लेना ग्रामीण जनता की मजबूरी बनती जा रही है। इतना ही नहीं कई दिनों की रखी मिठाइयां डेट एक्सपायरी सामग्रियां बिना रोक टोक के बिकती हैं। पावडर से बनाया गया दूध व पावडर की मिठाइ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 05:27 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 05:27 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी खाद्य पदाथरें की भरमार
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी खाद्य पदाथरें की भरमार

जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : मुख्यालय सहित तहसील स्तर की दुकानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचते समय उन्हें यह डर भी सताता रहता है कि कब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के हत्थे चढ़ जाएं कोई ठीक नहीं है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बस्तियों, चट्टीचौराहे पर खुले बाजार व दुकानों के दुकानदार बिना डर भय के धड़ल्ले के साथ स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं। जिन्हें लेना ग्रामीण जनता की मजबूरी है। इतना ही नहीं कई दिनों की रखी मिठाइयां, डेट एक्सपायरी सामग्रियां बिना रोक-टोक बिकती हैं। पावडर से बनाया गया दूध व पावडर की मिठाइयों की बिक्री ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक है। नान ब्रांडेड सामानों के साथ ब्रांडेड सामानों की डुप्लीकेट सामग्रियों की भी भरमार है। इस सबके पीछे एक ही कारण माना जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग न कभी पहुंची है और नहीं कभी पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में मिलावटी व घटिया सामान बेचने वालों का हौसला बुलंद है। क्षेत्र के तेंदुली नहर चट्टी, पलिगढ़, रानीपुर, दौलसेपुर, उमती, दसबारी चट्टी, प्रेमनगर चकिया, ठकुरमनपुर सहित तमाम छोटे-बड़े चट्टी-चौराहे व अंदर बस्तियों में खुली दुकानों पर ऐसे सामानों की ढेर पड़ी है। रानीपुर ब्लाक अंतर्गत पलियां बाजार जो इन क्षेत्रों की सबसे बड़ी बाजार है, यहां सप्ताह में एक दिन मंडी भी लगती है। यही से छोटे दुकानदार थोक के भाव का भी सामान ले जाते हैं।

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