बाबा विश्वनाथ से पशुपतिनाथ तक 2021 में पहुंचेगा फोरलेन

बाबा विश्वनाथ व पशुपतिनाथ को जोड़ने वाले वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-29 को फोरलेन में तब्दील करने की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो गई है। इस दौरान निर्माण का आलम यह कि फोरलेन पर महज 36 फीसद कार्य ही हो सका है। शुरुआती तमाम अवरोधों से उबरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल इस राजमार्ग के निर्माण में निर्माण इकाई व प्रशासन रोड़ा बने हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई मुआवजा की राशि का वितरण जहां ठप है तो वहीं अभी निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स आर्थिक मंदी से नहीं उबर पाई है। इसके चलते केंद्र सरकार ने डेटलाइन को बढ़ाते हुए 2021 तक कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 06:02 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 06:02 PM (IST)
बाबा विश्वनाथ से पशुपतिनाथ तक 2021 में पहुंचेगा फोरलेन
बाबा विश्वनाथ से पशुपतिनाथ तक 2021 में पहुंचेगा फोरलेन

जागरण संवाददाता, मऊ : बाबा विश्वनाथ व पशुपतिनाथ को जोड़ने वाले वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-29 को फोरलेन में तब्दील करने की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो गई है। इस दौरान निर्माण का आलम यह कि फोरलेन पर महज 36 फीसद कार्य ही हो सका है। शुरुआती तमाम अवरोधों से उबरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल इस राजमार्ग के निर्माण में निर्माण इकाई व प्रशासन रोड़ा बने हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई मुआवजा की राशि का वितरण जहां ठप है, तो वहीं अभी निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स आर्थिक मंदी से नहीं उबर पाई है। इसके चलते केंद्र सरकार ने डेटलाइन को बढ़ाते हुए 2021 तक कर दिया है।

पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील यह राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग डेढ़ दशक से उपेक्षा का शिकार था। इसे फोरलेन बनाए जाने की जनता की आस केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद पूरी हुई। फोरलेन में परिवर्तन के आदेश के बाद एनएचआइए की तैयारियां जोर नहीं पकड़ पा रही थीं। वर्ष 2017 में प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनने के बाद तमाम विभागों में अटके अवरोध दूर किए जा सके और इसका निर्माण शुरू हो सका। लगभग 2500 करोड़ निर्माण की लागत से बनने वाले अप्रैल 2017 में शुरू इस फोरलेन की इस परियोजना को पूरा कर लेने की अवधि 31 अक्टूबर 2019 तय की गई। 30 माह यानि अक्टूबर 2019 में रोड, अंडरपास, पुल, बाइपास आदि का निर्माण पूरा करना था। फोरलेन निर्माण की समय सीमा समाप्त हो गई है और काम अभी भी 65 फीसद शेष है। छह माह पूर्व कार्यदायी संस्था जेपी एसोसिएट्स पर आर्थिक संकट में फंस गई। इसके चलते तीन माह तक तो निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप रहा। एनएचएआइ ने कार्यदायी एजेंसी जेपी एसोसिएट को काम में तेजी लाने के लिए कई बार नोटिस जारी किया। कोई सुधार न होने पर मार्च से भुगतान रोक दिया और उसके कार्यदायी एजेंसी बने रहने के औचित्य पर अंतिम फैसले के लिए उसकी फाइल दिल्ली हेडक्वार्टर मंगा ली गई। अंतत: एनएचएआइ ने कार्यदायी एजेंसी को बकाया भुगतान करते हुए तीन माह का और समय देने का फैसला लिया। अब जबकि कार्यदायी एजेंसी ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है तो प्रशासनिक अड़चनें भी बाधाएं बनने लगी। इसको देखते हुए केंद्र सरकार को निर्माण कार्य पूर्ण करने की डेटलाइन को बढ़ाना पड़ा। प्वाइंटर--

पैकेजवार मिली डेटलाइन--

पैकेज तीन - 65 किलोमीटर - डेटलाइन दिसंबर 2020 - गाजीपुर जनपद के शेखपुर से मऊ जनपद के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप तक।

पैकेज चार - 64 किलोमीटर - डेटलाइन मार्च 2021 - मऊ के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप से बाघा गाढ़ा गोरखपुर तक। इनसेट--

एक नजर में फोरलेन

2500 करोड़ कुल लागत

215 किमी लंबाई

09 बाईपास

15 बड़े पुल

34 छोटे पुल

07 फ्लाईओवर :

05 ओवरब्रिज

03 टोल प्लाजा

23 रोड जंक्शन

इनसेट--

मऊ में मुआवजे की स्थिति

2000 - करोड़ कुल मुआवजे की धनराशि

1700 - करोड़ हुआ वितरण

240 - करोड़ रुपये विवादित स्थलों पर फंसा

60 - करोड़ रुपये का पिछले चार माह से नहीं हुआ वितरण

36 फीसद - फोरलेन का हुआ निर्माण वर्जन--

'फोरलेन निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने समय सीमा को बढ़ा दिया है। इसके साथ ही निर्माण इकाई को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पूरी क्षमता के साथ निर्माण कार्य में लगें, ताकि केंद्र सरकार की निर्धारित समय सीमा तक फोरलेन को पूरा किया जा सके।'

- श्रीप्रकाश पाठक, परियोजना प्रबंधक एनएचएआइ गोरखपुर।

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