मऊ में 58 हजार बच्चों छात्रों का नाम मिसमैच, बैंक खाते और आधार कार्ड के नाम पर अंतर से रुका पैसा

छात्रों का नाम आधार कार्ड में दर्ज नाम से मैच न करने की वजह से तमाम छात्रों का पैसा एकाउंट में आने से रह गया है। इसकी वजह से अब उनको ड्रेस का पैसा उनके एकाउंट में भेजने में दिक्‍कत आ रही है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 04 Oct 2022 01:09 PM (IST) Updated:Tue, 04 Oct 2022 01:09 PM (IST)
मऊ में 58 हजार बच्चों छात्रों का नाम मिसमैच, बैंक खाते और आधार कार्ड के नाम पर अंतर से रुका पैसा
छात्रों को पैसा एकाउंट में नहीं मिल पा रहा है।

मऊ, जागरण संवाददाता। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से यूनिफार्म का पैसा भेजा जा रहा है। आलम यह है कि आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद भी जिले के 58 हजार छात्रों को धन उपलब्ध होने के बावजूद स्कूल की ड्रेस से नहीं सजाया जा सका है। इसमें सबसे बड़ा रोड़ा आधार कार्ड के चलते अटका हुआ है। कई छात्रों व अभिभावकों का आधार कार्ड पर नाम कुछ और तथा बैंक खातों पर कुछ और दर्ज है। नाम मिसमैच होने से अभिभावकों के खाते में पैसा नहीं जा पा रहा है।

जिले के 1208 परिषदीय विद्यालयों के 1.78 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में ड्रेस-स्वेटर व जूता-मोजा का 1200 रुपये भेजा जाना है। विभागीय अधिकारियों ने आधार कार्ड की जांच व सत्यापित के बाद लगभग 1.20 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में शासन स्तर से पैसा भेजने का कार्य पूरा करा लिया है। जबकि, 58 हजार छात्रों के अभिभावकों के आधार कार्ड व बैंक खाते की जांच करने पर तरह-तरह की त्रुटियां सामने आ रही हैं।

सबसे ज्यादा गड़बड़ी आधार कार्ड पर नाम कुछ और तथा बैंक पास बुक पर कुछ और रहने की है। वहीं, कुछ अभिभावकों व छात्रों के एक ही आधार कार्ड दो-तीन जगह लगाए जाने के कारण डीबीटी के लिए प्रक्रिया सत्यापित नहीं हो पा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आधार कार्ड की गड़बड़ी दूर कराने के लिए शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के माध्यम से छात्रों के अभिभावकों को सूचित किया जा रहा है।

बोले अधिकारी : आधार कार्ड व बैंक खाते पर अंकित सूचनाओं में अंतर चिह्नित कर इस गड़बड़ी को दूर कराया जा रहा है। जैसे-जैसे गड़बड़ी दूर हो रही है, अभिभावकों के खाते में पैसा पहुंचता रह रहा है। अभी जिले में शासन से 58 हजार अभिभावकों के खाते में धन भेजा जाना शेष है। - डा.संतोष कुमार सिंह, बीएसए, मऊ।

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