मोदी सरकार की उपलब्धिया बताने को गांवों में पसीना बहा रहा संघ

ग्रामीण इलाकों की 160 शाखाओं के स्वयंसेवक हैं सक्रिय ओबीसी इलाकों पर नजर राष्ट्रीय मुद्दों पर कर रहे चर्चा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Apr 2019 11:48 PM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 11:48 PM (IST)
मोदी सरकार की उपलब्धिया बताने को गांवों में पसीना बहा रहा संघ
मोदी सरकार की उपलब्धिया बताने को गांवों में पसीना बहा रहा संघ

मथुरा, जासं। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता मोदी सरकार की उपलब्धियों गिनाने और जात-पात के आधार पर वोट का विभाजन रोकने को गांवों में पसीना बहा रहे हैं। यह पहला मौका है जिले में, जब संघ ग्रामीण पृष्ठभूमि के मतदाताओं को मथने का प्रयास कर रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक की दृष्टि से मथुरा और वृंदावन अलग-अलग मंडल थे, लेकिन पांच साल पहले केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद संघ ने पूरे जिले में अपना विस्तार किया है। पहले जहां मथुरा और वृंदावन में 65 शाखाएं ही लगती थीं। अब संघ ने मथुरा को महानगर इकाई बनाया हुआ है। पूरे जिले में उसकी सवा दो सौ शाखाएं लग रही हैं। इनमें ग्रामीणों इलाकों में अलग से 160 शाखाएं लगाई जा रही हैं।

हर शाखा में औसतन 15 कार्यकर्ता नियमित रूप से आने वाले हैं। संघ ने हर न्याय पंचायत स्तर पर अपने मंडल कार्यवाह भी बनाए हुए हैं, जो ग्रामीण इलाकों में विस्तारक की भूमिका निभा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार गांवों में इस समय करीब दो हजार स्वयं सेवक मतदाताओं का मन बना रहे हैं।

सुबह और शाम दिन ढलते ही ये स्वयंसेवक अनौपचारिक रूप से लगने वाली चौपालों में सक्रिय रहते हैं और राष्ट्रीय मुद्दों पर विमर्श भी बना रहे हैं। इतना ही नहीं, संघ ने विशेष रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) बहुल इलाकों को लिया हुआ है, जिनमें वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मतदाता के मन की थाह लेकर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। उनकी कोशिश जात-पात के आधार पर वोट का विभाजन रोकने की है।

संघ के ब्रज प्रांत के शारीरिक शिक्षा प्रमुख प्रदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि संघ का काम देश बनाने का है। कई स्वयंसेवकों की रुचि राजनीति में नहीं होती, लेकिन चुनाव का माहौल है और सबको अपनी जिम्मेदारी मालूम है।

chat bot
आपका साथी