बापू की कथा का पुण्य तो ले गए, छोड़ गए गंदगी का पाप

मोरारी बापू की कथा के बाद यमुना की रेती में पड़े हैं दौने-पत्तल, यमुना की रेती और रेलवे पुल के नीचे गंदगी का ढेर जमा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:03 PM (IST)
बापू की कथा का पुण्य तो ले गए, छोड़ गए गंदगी का पाप
बापू की कथा का पुण्य तो ले गए, छोड़ गए गंदगी का पाप

मथुरा, जासं: यमुना पार मोरारी बापू की कथा सुनने आए श्रद्धालु और आयोजक बापू के पदचिह्नों पर चल आसपास के इलाके तक में रामराज स्थापित नहीं कर सके। कथा के बाद यमुना की धारा के चंदकदम दूर दौने-पत्तलों के ढेर लगे हैं। नगर निगम का कचरादान भर गया है। बिखरी पड़ी गंदगी पर गायों का झुंड मंडरा रहा है, कथा स्थल के हालात तो और भी ज्यादा जुदा है।

दैनिक जागरण ने आशंका जताई थी और वह सच साबित हुई। यमुना किनारे गौर गिरधर मोरारी उद्यान और उसके समीप हुई विख्यात संत मोरारी बापू की रामकथा के बाद अब गंदगी के ढेर दिखाई देने लगे हैं। हर दिन दस हजार लोगों के भोजन, पूजन और अन्य अनुष्ठान की गंदगी को यमुना किनारे रेती में ही फेंक दिया गया है। रेती में पड़े इस कचरे पर अभी गाय मंडरा रही हैं। यहां से इस कचरे को उठाया नहीं गया तो यह उड़कर या तो यमुना में समाएगा या रेती में मिल यमुना की धारा का इंतजार करेगा कब वह आए और बहाकर ले जाए। यही हाल यमुना पुराने पुल के नीचे उद्यान के मुख्य द्वार के समीप का नजारा है। यहां भी गंदगी का ढेर लगा है। खाने-पीने के सामान की आस में ढेर पर गायों का मंडराता झुंड बताने के लिए काफी है कि आयोजकों ने इस बाबत कितनी सजगता बरती। -यमुना पार मोरारी बापू की कथा समाप्त हुई है। गदंगी के ढेर आयोजकों को ही उठवाने चाहिए, फिर भी दिखवाएंगे और यमुना किनारे से गंदगी को साफ करवाया जाएगा।

केके ¨सह, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर

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