पानी को लेकर उप्र-हरियाणा सीमा पर तनाव

बारिश न होने से धान उत्पादक किसान संकट में फंस गए है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Jul 2018 12:06 AM (IST) Updated:Fri, 13 Jul 2018 12:06 AM (IST)
पानी को लेकर उप्र-हरियाणा सीमा पर तनाव
पानी को लेकर उप्र-हरियाणा सीमा पर तनाव

जागरण संवाददाता, मथुरा: बारिश न होने से धान उत्पादक किसान संकट में फंस गए है। ¨सचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलने से धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। उप्र और हरियाणा की सीमा पर शेषाई रेगुलेटर पर किसानों ने 24 घंटे से कब्जा कर रखा है। वे रेगुलेटर को नहीं खोलने दे रहे हैं। कैनाल के डाउन में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है।

आगरा कैनाल का शेषाई हरियाणा में हैं। उसके डाउन से ही उप्र की सीमा शुरू होती है। यहीं से नंदगांव, शेरगढ़, सहार, बुखारी और कोसी रजवाह निकल रहे हैं। ये रजवाह छाता तहसील में हैं, जबकि शेषाई रेगुलेटर के डाउन में गोवर्धन और सदर तहसील के रजवाह है। आगरा के किसानों को ¨सचाई के लिए पानी भी डाउन से दिया जा रहा है। रेगुलेटर को खोल दिए जाने से छाता तहसील के रजवाह बंद हो जाते हैं और हरियाणा में भी कैनाल के पानी प्रवाह टूट रहा है। दो दिन पहले तक आगरा कैनाल में ओखला बैराज से 2900 क्यूसिक पानी छोड़ जा रहा था, जबकि गुरुवार को यह घटकर 1600 क्यूसिक ही रह गया।

डाउन के किसानों को ¨सचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को शेषाई रेगुलेटर को ¨सचाई विभाग के कर्मचारियों ने खोल दिया। इसकी जानकारी मिलने पर दोनों राज्यों के किसान पहुंच गए और जबरन रेगुलेटर बंद कर दिया। इसका रेगुलेटर पर तैनात कर्मचारियों ने विरोध ने किया तो वे मारपीट पर उतारू हो गए। यहां तक कि किसानों ने कर्मचारियों को धमकी तक दे डाली कि अगर रेगुलेटर को खोला गया तो नतीजे ठीक नहीं होंगे। किसानों की धमकी से भयभीत कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता आगरा कैनाल आगरा एमएम ¨सह के शेषाई रेगुलेटर पर बन रहे तनाव के हालातों की जानकारी दी। अवगत कराया कि किसान रेगुलेटर नहीं खोलने नहीं दे रहे हैं। इसके कारण डाउन में ¨सचाई के लिए पानी नहीं जा पा रहा है। अधिशासी अभियंता एमएम सिंह ने बताया कि संबंधित जेई को पुलिस बल ले जाकर रेगुलेटर खुलवाने और दोषी किसानों के खिलाफ रिपोर्ट कराए जाने के आदेश जारी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नहर में पानी की क्षमता चार हजार क्यूसिक की हैं, लेकिन फिलहाल पानी क्षमता से 50 फीसद कम ही मिल पा रहा है। इसमें भी करीब 1300 क्यूसिक पानी की चोरी की जा रही है।

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