नंद कौ अनाड़ी तू तौ बड़ौ खिलार, मौपे दीजौ रंग डार

गोकुल में कृष्ण-बलराम ने गोपियों संग खेली छड़ीमार होली फूलों संग बरसते रंग और गुलाल से गोप-गोपी हुए सराबोर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 10:53 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 10:53 PM (IST)
नंद कौ अनाड़ी तू तौ बड़ौ खिलार, मौपे दीजौ रंग डार
नंद कौ अनाड़ी तू तौ बड़ौ खिलार, मौपे दीजौ रंग डार

मथुरा, जासं। कान्हा पड़ौ न पिछार, मौपे दीजौ रंग डार, मैं गई तौ से हार, हाय रे मैं तो भीज गई रे।। नंद कौ अनाड़ी तू तौ बड़ौ खिलार, बरसाने में मैरो घर, अईयो मेरे द्वार। तेरे मलूं री गुलाल तेरे लाल करुं गाल, हाय मैं तौ भीज..।। यमुना के तीर मुरली घाट पर कान्हा ने बड़े भैया बलराम संग गोकुलगांव में गोपियों के साथ सोमवार को छड़ी मार होली खेली।

गोकुल गांव, जहां योग योगेश्वर श्रीकृष्ण नें करीब पांच वर्ष की आयु तक बाल लीलाएं कीं। राधा और गोपियों संग अठखेलियां भी कीं। आज वहीं गोकुल गांव सोमवार को फाग महोत्सव से सराबोर हो गया। बरसाना और नंदगांव में गोपियों ने कन्हैया के साथ लठामार होली खेली थी। वही यहां गोपियों ने माखनचोर के साथ छड़ी मार होरी खेली। रविवार सुबह गोकुल गांव की गलियों में कहीं भी ऐसा नहीं लग रहा था कि यहां कान्हा फाग खेलेंगे। दोपहर 12 बजे नंद किले से डोला में विराजमान बालरूप कृष्ण व बलराम होली खेलने के लिए मुरली घाट को चले। उससे पहले गोपियां छड़ी लेकर मंदिर पहुंच गईं। यहां दूध पीकर सभी डोला के पीछे-पीछे होली खेलने के लिए चल रही थीं। गाजे बाजे के साथ डोला में चल रहे भगवान श्रीकृष्ण व बलराम के भक्त रसिया गायन पर झूमते, गाते और नृत्य करते चल रहे थे। फूलों की बरसा हो रही थी। नंद चौक होते हुए करीब एक बजे डोला यमुना किनारे पर मुरली घाट पहुंचा। बालस्वरूप भगवान के डोला के पट दर्शन के लिए खोल दिए गए। फूलों के साथ ही टेसू के रंग और गुलाल सेवायतों ने उड़ाया। करीब एक घंटे तक फाग महोत्सव में गोपियां छड़ी से हुरियारों पर प्रहार करती रहीं। मंदिर के मैनेजर गिरधारी, सेवायत मोहनलाल पांचीलाल मुखिया, मनमोहन शर्मा और नारायण तिवारी ने बताया कि गोकुल गांव में छड़ी मार होली का आनंद लेने के लिए गुजरात से अधिक तीर्थयात्री आते हैं। विदेशी पर्यटकों ने भी छड़ीमार होली का आनंद लिया। आसपास से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया था।

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