ब्रज में दो दिन मनेगा कान्हा का प्राकट्योत्सव

केशवदेव, गोपीनाथ मंदिर और कंस कारागार में जन्माष्टमी दो सितंबर को, श्रीकृष्ण जन्मस्थान और द्वारिकाधीश में तीन सितंबर को मनेगा जन्मोत्सव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Aug 2018 10:54 PM (IST) Updated:Sat, 18 Aug 2018 10:54 PM (IST)
ब्रज में दो दिन मनेगा कान्हा का प्राकट्योत्सव
ब्रज में दो दिन मनेगा कान्हा का प्राकट्योत्सव

जागरण संवाददाता, मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव ब्रज मंडल में दो दिन मनाया जाएगा। हालांकि दोनों ही दिन रोहणी नक्षत्र नहीं पड़ रहा है, लेकिन अष्टमी को जन्म की तिथि मान ठाकुरजी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्राचीन मंदिर ठा. केशवदेव महाराज, प्राचीन गोपीनाथ मंदिर और कंस कारागार में दो सितंबर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि व द्वारिकाधीश में लल्ला तीन सितंबर को प्राकट्य होंगे।

देवकी के लाल श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारागार में उस वक्त हुआ था जब रोहिणी नक्षत्र था और सप्तमी-अष्टमी की घनघोर रात आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही थी। यमुना पूरे उफान पर थी। कालांतर में रोहिणी नक्षत्र में कन्हैया का जन्मदिन मनाए जाने लगा। मंदिरों के महंत और पुजारियों की ओर से पंचांग देख ठाकुरजी के जन्म की तिथि का एलान किया जाता है। ब्रज में मूल रूप से श्री ब्रजभूमि पंचांग, नीमच के आधार पर शुभ मुहूर्त तय किया जाता है। इसके अनुसार दो और तीन सितंबर को सप्तमी और अष्टमी तो पड़ रही है पर रोहिणी नक्षत्र नवमी के दिन चार सितंबर को लग रहा है। ऐसे में जन्म को लेकर मतैक्य है।

प्राचीन मंदिर ठाकुर केशवदेव जी महाराज मल्लपुरा के सेवायत पं. मुन्नीलाल गोस्वामी ने बताया कि पंचांग के अनुसार ठाकुर केशवदेव का जन्म सप्तमी और अष्टमी की रात 12 बजे हुआ था, इसके अनुसार मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव दो सितंबर की रात मनाया जाएगा। अन्य सेवायत भगवत स्वरूप गोस्वामी, कृष्ण चंद गोस्वामी, श्यामा चरण गोस्वामी, बिहारी लाल गोस्वामी, मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष सोहन लाल शर्मा व सुरेश चंद अग्रवाल तैयारियों में जुटे हुए हैं। बताया कि पंचांग के अनुसार जो शुभ घड़ी ठाकुरजी के जन्म की है उसी समय पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

इधर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा तीन सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर जन्माष्टमी मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव समिति के तत्वावधान में 10 दिवसीय कार्यक्रम 31 अगस्त से प्रांरभ होकर नौ सितंबर रविवार तक चलेंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी विजय बहादुर ¨सह ने बताया कि जन्मस्थान पर जन्माष्टमी तीन सितंबर को मनाई जाएगी। जन्मभूमि पर यह होंगी लीलाएं:

श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित लीला मंच पर 31 अगस्त को शाम सात बजे श्रीराधा जन्म की लीला होगी। एक सितंबर को सुबह सात बजे विश्वस्वरूप ग्रहत्याग, शाम सात बजे वीर अभिमन्यु चरित्र, दो सितंबर को सुबह सात बजे दिग्विजय उद्धार और सायंकाल सुदामा चरित्र, तीन को सुबह सात बजे रासलीला, नौ बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम और शाम सात बजे श्रीकृष्ण जन्मलीला, चार को सुबह नौ और सायंकाल लीला में नंदोत्सव, पांच को सुबह गया गमन, शाम कालिया नाग नाथन, छह को सुबह गया आगमन, शाम को माखन चोरी, सात को सुबह निमाई-निताई मिलन, शाम को श्रीगिरिराज पूजा, आठ को सुबह मुरारी महाप्रभु गृहत्याग और शाम को कंस वध जबकि नौ सितंबर को सुबह सात बजे सन्यास भूमिका और सायंकाल श्याम श्याम मिलन की लीलाएं होंगी। गोपीनाथ मंदिर में 27 को कलशयात्रा:

प्राचीन मंदिर श्री गोपीनाथजी महाराज के महंत गौरव गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में 27 अगस्त को दोपहर दो बजे कलशयात्रा के साथ मंदिर में श्रीमद भागवत कथा शुरू होगी। 28 को कर्दम मुनि और देव हुति विवाह, 29 को जड़ भरत चरित्र, 30 को गजेंद्र मोक्ष, 31 को गोवर्धन लीला, एक सितंबर को रुकमणि विवाह, दो सितंबर को सुदामा चरित्र और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, तीन को सुबह सात बजे हवन और शाम छप्पन भोग, चार सितंबर को भंडारा होगा। कथा व्यास पंकज कृष्ण शास्त्री होंगे। पालना दर्शन चार को

ठा.श्री केशवदेवजी महाराज समिति की ओर से मंदिर में दो सितंबर की रात कन्हैया का प्राकट्य होगा। मंदिर सेवायत पं. मुन्नीलाल गोस्वामी ने बताया कि दो सितंबर को शाम सात से 12 बजे तक भजन संध्या होगी। रात 10 से 11 बजे तक ठाकुरजी का अभिषेक होगा और रात 12 बजे जन्म के दर्शन होंगे। तीन सितंबर को शाम सात से 12 बजे तक भजन संध्या एवं चार सितंबर को सुबह छह बजे से रजत पालना दर्शन और दस बजे से नंदोत्सव मनाया जाएगा।

chat bot
आपका साथी