मथुरा में मोबाइल बैंक में खुला खाता, उपभोक्ता को पता ही नहीं

उनका आरोप है कि उन्होंने न तो एयरटेल कंपनी की मोबाइल कंपनी का एप डाउनलोड किया है और न ही रकम ट्रांसफर करने की अनुमति दी है, फिर ऐसा कैसे हो गया।

By Amal ChowdhuryEdited By: Publish:Sun, 01 Oct 2017 12:33 PM (IST) Updated:Sun, 01 Oct 2017 12:33 PM (IST)
मथुरा में मोबाइल बैंक में खुला खाता, उपभोक्ता को पता ही नहीं
मथुरा में मोबाइल बैंक में खुला खाता, उपभोक्ता को पता ही नहीं

मथुरा (जागरण संवाददाता)। मोबाइल कंपनियां कुछ साल पहले तक वैल्यू एडेड सर्विस के नाम पर मनचाहा लूट कर रही थी। ट्राई ने इस पर सख्ती से रोक लगाई तो अब मोबाइल बैंक के नाम पर उपभोक्ताओं के पैसे गुपचुप तरीके से अपनी बैंक में जमा कर रही हैं। मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक कराने के बाद इस तरह की शिकायतें सामने आने लगी हैं।

राधा नगर निवासी केके भाटिया वरिष्ठ नागरिक हैं। मोबाइल पर लगातार एसएमएस आने के बाद दो माह पहले उन्होंने अपना मोबाइल नंबर अपने आधार कार्ड से लिंक करा दिया। इसके लिए कृष्णा नगर स्थित ही राज बुक की दुकान पर जाकर उन्होंने बायोमैट्रिक मशीन में थम्ब इंप्रेशन दिया। यहां दो-तीन कालम में टिक लगाने के बाद उनके मोबाइल लिंक होने का मैसेज आ गया। वह एयरटेल कंपनी के पुराने उपभोक्ता हैं। इसी दौरान उन्होंने अपना टू जी सिम फोर जी में कन्वर्ट करा लिया।

उनके अनुसार इसी महीने उन्होंने एलपीजी सिलेंडर मंगाया, जिसकी सब्सिडी काफी दिनों तक उनके पंजाब नेशनल बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं हुई, जबकि उनकी उम्र के कई लोग कुछ महीनों से शिकायत कर रहे थे कि उनकी सब्सिडी भी नहीं आ रही है। वह बैंक शाखा गए और जानकारी की तो बैंक कर्मचारियों ने उनके खाते में सब्सिडी नहीं आने की जानकारी दी।

लेकिन उन्होंने यह जरूर बताया कि यदि मोबाइल नंबर आधार से लिंक है तो इस संबंध में एक बार मोबाइल कंपनी से जरूर पता कर लें। इसके बाद वह कृष्णा नगर में ही स्थित कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो जानकारी हुई कि एलपीजी सब्सिडी की राशि 226 रुपये उनके मोबाइल बैंक में पड़े हुए हैं।

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उनका आरोप है कि उन्होंने न तो एयरटेल कंपनी की मोबाइल कंपनी का एप डाउनलोड किया है और न ही रकम ट्रांसफर करने की अनुमति दी है, फिर ऐसा कैसे हो गया। अगर कंपनी ने ऐसा किया तो इसकी जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी। उन्होंने इसकी शिकायत कंपनी समेत ट्राई में भी की है और आरोप लगाया है कि इस तरह कभी बड़ी रकम भी उनके बैंक खाते की जगह मोबाइल बैंक में जमा हो सकती है और उन्हें इसका पता भी नहीं चलेगा।

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