आतंकी हमलों से सुरक्षित रहेगा मथुरा का चंद्रोदय मंदिर

वृंदावन में निर्माणाधीन दुनिया का सबसे ऊंचा चंद्रोदय मंदिर सुरक्षा के लिहाज से अद्वितीय होगा। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसा हमला भी इसका बाल बांका नहीं कर पाएगा।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2016 10:47 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2016 10:59 PM (IST)
आतंकी हमलों से सुरक्षित रहेगा मथुरा का चंद्रोदय मंदिर

मथुरा (जेएनएन)। वृंदावन में निर्माणाधीन दुनिया का सबसे ऊंचा चंद्रोदय मंदिर सुरक्षा के लिहाज से अद्वितीय होगा। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसा आतंकी हमला भी मंदिर का बाल बांका नहीं कर पाएगा। मंदिर और परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए अमेरिकी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी।

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छटीकरा-वृंदावन मार्ग पर 65 एकड़ में बनाए जा रहे 70 मंजिला इस मंदिर की ऊंचाई 700 फीट होगी। अमेरिका, फ्रांस, जापान समेत दुनिया के कई देशों में हुई आतंकी वारदातों से सबक लेते हुए मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से अमेरिका की सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों में से एक पिंकाटन की सेवाएं ली जाएंगी। मंदिर के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नरसिंहा दास के अनुसार, मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद अमेरिकी कंपनी के प्रतिनिधि सुरक्षा का खाका तैयार करेंगे। निर्माण में माइक्रो सिल्का (औद्योगिक कचरा) इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बने भवन सीमेंट के मुकाबले दस गुना मजबूत होते हैं। इसके अलावा टाटा स्टील जमशेदपुर की भट्ठियों से निकलने वाली राख (ग्राउंड ग्रेनिलेटर ब्लास्ट) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सीमेंट का इस्तेमाल केवल 30 फीसद किया जा रहा है।

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सभी धर्मों के लोगों की भागीदारी

मंदिर प्रबंधन के मुताबिक चंद्रोदय मंदिर के निर्माण में सभी धर्म के लोगों की बराबर भागीदारी है। लीड आर्किटेक्ट जेजे सिंह सिख हैं, जबकि अमेरिकन कंपनी थार्नटन टोमासेटी के स्ट्रक्चरल आर्किटेक्ट मिशाम इमाम मुस्लिम हैं। लिफ्ट डिजाइन करने वाले आस्ट्रेलिया के ब्रेड मेडन ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते हैं। हिंदू समाज से तो बड़े पैमाने पर लोग जुड़े ही हैं।

12 वन और संग्रहालय भी होगा

मंदिर के चारों तरफ कृत्रिम पहाडिय़ां एवं वन होंगे। इसमें ब्रज के 12 वन क्षेत्र शामिल होंगे। चंद्रोदय मंदिर परिसर में भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर एक संग्रहालय भी बनेगा। इस मंदिर से ताजमहल का भी दीदार किया जा सकेगा। इसमें 4डी तकनीक से देवलोक और लीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। मंदिर के समीप यमुनाजी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेगी। 70 मंजिला इस इमारत के प्रारंभिक तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर के अलावा अन्य तलों पर आगंतुकों के लिए गैलरी, टेलीस्कोप सुविधा और अन्य सुविधाएं होंगी।

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