वात्सल्य ग्राम के 'महातीर्थ' में होगा चार युगों का समागम

जागरण संवाददाता, मथुरा: वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में बन रहा 'सांस्कृतिक महातीर्थ' सनातन धर्म और

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Apr 2017 11:43 PM (IST) Updated:Sat, 22 Apr 2017 11:43 PM (IST)
वात्सल्य ग्राम के 'महातीर्थ' में होगा चार युगों का समागम
वात्सल्य ग्राम के 'महातीर्थ' में होगा चार युगों का समागम

जागरण संवाददाता, मथुरा: वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में बन रहा 'सांस्कृतिक महातीर्थ' सनातन धर्म और संस्कृति की वैज्ञानिक यात्रा कराएगा। यहां का म्यूजियम दर्शकों को चारों युगों में उपस्थिति की अनुभूति कराएगा।

दीदी मां साध्वी ऋतंभरा की संस्था परम शक्ति पीठ के प्रकल्प 'वात्सल्य ग्राम' में 'सांस्कृतिक महातीर्थ' का निर्माण कार्य चल रहा है। इसकी परिकल्पना के बारे में साध्वी ऋतंभरा ने बताया कि सनातन धर्म को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं। इसके पीछे के तर्क, वैज्ञानिकता और आध्यात्मिक पक्ष को समाज जानता ही नहीं है। 'सांस्कृतिक महातीर्थ' के जरिए सनातन धर्म के विशुद्ध रूप को सामने लाने का प्रयास है।

दीदी मां ने बताया कि म्यूजियम में लोग प्रदर्शनी के माध्यम से सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग में होने का अहसास करेंगे। उच्च तकनीक का इस तरह प्रयोग किया जा रहा है कि लोग उस युग में होने का अनुभव करें। त्रिगुणात्मक प्रकृति को लेकर यूनिक डोम बनाया जा रहा है। इसके साथ ही, म्यूजियम में हर युग में स्त्री की यात्रा भी दर्शाई जाएगी। जैसे कि त्रेता युग में स्त्री अग्निपरीक्षा देती थी, द्वापर युग में स्त्री अग्निशखा बन गई। स्त्री विमर्श का एक अहम अध्याय इस म्यूजियम में होगा। परम शक्ति पीठ के सचिव संजय भैया ने बताया कि तीन साल में इसे पूरा करने की योजना है। इस पर करीब 70 करोड़ की लागत आएगी।

तकनीक से चमत्कृत कर देगा स्थल

'महातीर्थ' को डिजाइन कर रहे वास्तुविद दिल्ली के लक्ष्मणदास कठारिया ने बताया कि ये निर्माण 125 फुट ऊंचा होगा। शिखर पर कमल होगा। इसके दो फ्लोर होंगे। ग्राउंड फ्लोर में म्यूजियम बनाया जाएगा। सबसे बड़ा सात्विक डोम होगा उसके नीचे तमोगुण और रजोगुण के डोम होंगे। इनमें प्रवेश कर लोगों को सात्विक तत्व अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। म्यूजियम के अंदर कैनाल बनाई जाएगी। इसमें लोग वोट में बैठकर चारों कोनों पर लगी प्रदर्शनी निहार पाएंगे। इसमें थ्रीडी सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। जमीन से 28 फुट ऊपर समागम हॉल बनेगा, जिसमें दीदी मां सत्संग किया करेंगी। यह स्टेडियम की तरह बनेगा। इसमें भी लेजर तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी