हरियाली के समंदर में नहाएगा सुनरख वन

By Edited By: Publish:Sat, 21 Sep 2013 11:26 PM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2013 11:26 PM (IST)
हरियाली के समंदर में नहाएगा सुनरख वन

जागरण संवाददाता, मथुरा, वृंदावन: अभी सिर्फ इसके नाम में वन जुड़ा है, लेकिन आने वाले समय में सुनरख वन वाकई घनी हरियाली के समंदर में डूबा नजर आएगा। सब कुछ योजना के मुताबिक ही चला, तो धार्मिक नगरी में प्राकृतिक सौंदर्य के दर्शन भी सैलानी कर सकेंगे। यहां झील और पक्षी विहार उन्हें आकर्षित करेंगे। इसके प्रति नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गंभीरता ने उम्मीदों को और भी पंख दे दिए हैं।

सुनरख स्थित संरक्षित वन भूमि पर पौधरोपण शुरू हो चुका है। वन विभाग ने यहां की 119 एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। यहां सुंदर वन, झील और पक्षी विहार बनाने की कार्ययोजना पर काम भी शुरू हो चुका है। जिलाधिकारी के आदेश पर विकास प्राधिकरण ने एक नलकूप स्थापित करने को बोरिंग कार्य भी शुरू कर दिया है। दरअसल, छटीकरा मार्ग पर लंबे समय से वीरान पड़ी इस भूमि पर खनन का मामला पर्यावरण प्रेमियों द्वारा उठाए जाने पर प्रशासन ने संज्ञान लिया। खनन बंद करवाकर यहां पौधरोपण की योजना भी बनाई गई। लगभग दो माह पूर्व समारोह आयोजित कर इस योजना पर अमल भी प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने कर दिया।

वन रेंजर ओपी सिंह के अनुसार, वनीकरण का काम तेज गति से चल रहा है। विभाग इसकी देखरेख भी कर रहा है। एक दर्जन कर्मचारियों को पौधरोपण और उनकी देखभाल के लिए तैनात किया गया है।

ब्रज वृंदावन हेरिटेज अलायंस के प्रयास से सुनरख वन योजना दो महीने पूर्व शुरू हो चुकी है। अलायंस के सदस्य बाबा मदन बिहारी दास ने बताया कि इस योजना में उत्तर प्रदेश वन एवं सामाजिक वानिकी विभाग के निदेशक महेंद्र पाल सिंह लगातार प्रयासरत हैं। परियोजना के तहत पहले चरण में 22 हजार 500 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

जिला वन अधिकारी एनके वाजपेयी के अनुसार, वर्तमान में पौधारोपण कार्य प्रगति पर है। सूर सरोवर पक्षी विहार के निदेशक विभास रंजन भी पक्षी विहार परियोजना के लिए यहां स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं।

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वन विरोधी गतिविधियों पर लगी रोक

ब्रज फाउंडेशन के सचिव रजनीश कपूर ने इस संबंध में याचिका दायर कर एनजीटी से आग्रह किया था कि वृंदावन के सुनरख स्थित संरक्षित वन भूमि पर लापरवाही और निष्क्रियता पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा था कि संरक्षित क्षेत्र होने के बावजूद इसमें कोई वृक्ष नहीं है। जमीन बंजर पड़ी हुई है और बिल्डर और भू माफिया इस पर कब्जा करने की चेष्टा में हैं। कुछ दिनों पहले तक यहां निर्बाध रूप से खनन भी चलता रहा। ट्रिब्यूनल ने ब्रज फाउंडेशन की अपील पर सुनवाई करते हुए यहां चल रहे सभी कार्य रोकने, वन विरोधी गतिविधि पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 30 सितंबर को होनी है।

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