छात्राओं में आत्मरक्षा की प्रेरणा जगा रहीं प्रिया

हालिया माहौल के साथ दिनों-दिन बदलते जा रहे परिवेश ने प्रिया को पूरी तरह से बदल डाला। आत्मरक्षा के लिए खुद को एक ढाल की मा¨नद ढाल चुकीं प्रिया अब दूसरी छात्राओं को भी आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं। साल भर से चलाई जा रही इस मुहिम में दर्जनों बेटियों को कराटे की किक का माहिर बनाया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Oct 2018 10:25 PM (IST) Updated:Wed, 17 Oct 2018 10:25 PM (IST)
छात्राओं में आत्मरक्षा की प्रेरणा जगा रहीं प्रिया
छात्राओं में आत्मरक्षा की प्रेरणा जगा रहीं प्रिया

मैनपुरी : हालिया माहौल और बदलते परिवेश ने प्रिया को पूरी तरह से बदल डाला। आत्मरक्षा के लिए खुद को एक ढाल की मा¨नद ढाल चुकीं प्रिया अब दूसरी छात्राओं को भी आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं। साल भर से जारी मुहिम में दर्जनों बेटियों को जूडो-कराटे का माहिर बना दिया है।

दन्नाहार क्षेत्र के गांव त्रिलोकपुर निवासी प्रिया चौहान पुत्री स्व. स्नेह ¨सह चौहान शहर के ही एक कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। खुद के ज्ञानार्जन के साथ वे दूसरी छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार करने की मुहिम भी चला रही हैं। चार भाई-बहनों में सबसे छोटी होने के बावजूद उनके इरादे बडे़ हैं। वह कहती हैं वर्तमान समय में बेटियों को आए दिन अपमान का घूंट पीकर चुप रहना पड़ता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।

अपनी पढ़ाई के बीच समय निकालकर वे लगभग एक साल से जिले के अलग-अलग स्कूलों में जाकर छात्राओं को जूडो और कराटे की विधा समझा रही हैं। इस काम में उनकी मां माया चौहान हौसला बनी हुई हैं। एनसीसी कैडेट रहते हुए उन्होंने चार माह का कराटे प्रशिक्षण लिया, जो उनकी ¨जदगी का हिस्सा बन गया। प्रिया का कहना है कि अब गांवों की बेटियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मरक्षा में पारंगत बनाना ही उनका ध्येय है। परिवार दे रहा प्रोत्साहन

प्रिया चौहान की यह कोशिश आसान नहीं थी। शुरुआत में कुछ लोगों ने केवल पढ़ाई तक सीमित रहने की सलाह दी। हालांकि परिजनों ने कभी कोई बंदिश नहीं लगाई। इसी कारण वह अपनी मुहिम को आगे बढ़ाने में सफल हो रही हैं।

chat bot
आपका साथी