जलाशय के दूषित पानी से संक्रामक रोगों का खतरा

अजीतगंज संसू। सरकार द्वारा नदी पोखर नाला के सफाई के लिए भरकस प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन विकास की अनदेखी के चलते नियमानुसार तालाबों का संरक्षण नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 11:06 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 06:07 AM (IST)
जलाशय के दूषित पानी से संक्रामक रोगों का खतरा
जलाशय के दूषित पानी से संक्रामक रोगों का खतरा

संसू, अजीतगंज : सरकार द्वारा नदी- पोखर और नालों के सफाई के लिए भरकस प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अनदेखी के चलते तालाबों का संरक्षण नहीं हो पा रहा है।

विकास खंड जागीर क्षेत्र के कुसमरा- मैनपुरी मार्ग स्थित गांव अजीतगंज में तालाब की स्थिति बहुत खराब है। जलाशय के पास से गुजरने पर भीषण दुर्गंध आती है, संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका है। कई दशक पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा तालाब का निर्माण कराया गया था। इसका रकबा चार बीघा है। गांव के सभी घरों से निकला पानी इसमें इकट्ठा होता है।

एसडीएम भोगांव के निर्देश पर मछली पालन के लिए प्रतिवर्ष पट्टंा आवंटित किया जाता है। इस तालाब के पानी का कोई उपयोग नहीं होता। इससे मछलियां मर जाती हैं। पशु तालाब का पानी पीकर बीमार हो जाते हैं। बरसात में स्तर बढ़ने से इसका पानी खेतों में भर जाता है। ग्रामीणों ने डीएम से समस्या का निराकरण कराने की मांग की है। मांग करने वालों में पंकज अग्निहोत्री, अंबुज कुमार, नरेश मिश्रा, विनोद कुमार, दिनेंद्र मिश्रा, सत्यसेवक मिश्रा, सोनू चौहान, सतीश चंद्र, ब्रजेश कुमार मौजूद थे।

हर घर की खटकेगी कुंडी, दस्तक देंगी टीमें: जासं, मैनपुरी: अगर आशा कार्यकर्ता आपका दरवाजा खट-खटाकर घर की तलाशी की बात करें तो बुरा मत मानिएगा। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार दस्तक अभियान चलाने जा रही है। अभियान की कमान आशाओं को सौंपी गई है। टीमें घर-घर संपर्क करेंगी। मार्च के पहले सप्ताह से योजना की शुरुआत होगी। सीएमओ डॉ. एके पांडेय का कहना है कि संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह व्यवस्था शुरू की जानी है। जिन क्षेत्रों में मच्छरों के पनपने की संभावना है या फिर जलभराव वाला क्षेत्र है, वहां सबसे पहले सर्वे कराया जाएगा।

पांच बीमारियों का होगा सर्वे

इस अभियान के तहत मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, फाइलेरिया और बुखार के मरीजों की सूची तैयार की जाएगी। ऐसे मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीमों द्वारा उपचार दिया जाएगा।

हर बुखार रोगी का बनेगा रिकार्ड

सीएमओ का कहना है कि एक से 15 मार्च तक अलग-अलग चरणों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 16 से 31 मार्च तक प्रशिक्षित टीमें घर-घर पहुंचेंगी। प्रतिदिन कम से कम 20 घरों का सर्वे करना होगा। यदि बुखार के मरीज मिलते हैं तो उनकी विशेष किट से जांच करा अलग से रजिस्टर में नाम शामिल किया जाएगा। इस तरह हमारे पास बुखार के मरीजों का अलग डाटा तैयार हो जाएगा।

घरों के बाहर लगेंगे स्टीकर

जिला मलेरिया अधिकारी एसएन सिंह का कहना है कि ये टीमें मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करेंगी। बुखार और मलेरिया के मरीजों के घरों के बाहर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए स्टीकर लगाए जाएंगे।

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