जिले में बेकाबू हुआ कोरोना, चार लोगों की हुई मौत

मैनपुरी जासं चेतावनी को अनदेखा करना अब भारी पड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 05:43 AM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 05:43 AM (IST)
जिले में बेकाबू हुआ कोरोना, चार लोगों की हुई मौत
जिले में बेकाबू हुआ कोरोना, चार लोगों की हुई मौत

मैनपुरी, जासं : चेतावनी को अनदेखा करना अब भारी पड़ने लगा है। जिले में भी कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है। 40 घंटों के अंदर आयुष चिकित्सक समेत चार लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, जबकि 20 में इसकी पुष्टि हुई है। एक स्वास्थ्य कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।

कोरोना से बचाव के नाम पर महज औपचारिकता ही निभाई जा रही है। आलीपुरखेड़ा निवासी प्रेम नारायण (48) आयुष चिकित्सालय में चिकित्सक के पद पर तैनात थे। तबियत बिगड़ने पर उन्होंने जांच कराई थी। इसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। लगातार सेहत गिरती देख स्वजन द्वारा उन्हें एल-3 कोविड केयर सेंटर सैफई में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान शनिवार की रात उनकी मौत हो गई।

एलाऊ थाना क्षेत्र के गांव अजीतगंज निवासी सरजू दयाल श्रीवास्तव (90) को पेट के इंफेक्शन के कारण सैफई में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद वे संक्रमित मिले थे। इलाज के दौरान रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई। बेवर निवासी ब्रह्मदत्त ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। शहर के मुहल्ला देवपुरा निवासी वरिष्ठ लिपिक जिला महिला चिकित्सालय अरुण कुशवाहा की पत्नी रेनू कुशवाहा की भी सैफई में इलाज के दौरान रविवार की शाम मौत हो गई। तबियत बिगड़ने के बाद उनका उपचार सैफई में ही चल रहा था। लिपिक को भी संक्रमण की वजह से सैफई में भर्ती कराया गया है।

पिछले चौबीस घंटों में जिले में 20 मरीजों में कोरोना वायरस मिला है। इनमें जागीर में एक, करहल में दो और मैनपुरी तहसील क्षेत्र में 12 की पुष्टि हुई है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पांच मरीज संक्रमित मिले हैं। सभी संक्रमितों को होम क्वारंटाइन कराया गया है। बेफिक्र है अस्पताल प्रशासन

जिला अस्पताल में सुरक्षा को लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से बेफिक्र हो चुका है। इमरजेंसी में कोविड हेल्प डेस्क का संचालन बंद करा दिया गया है। यहां सभी मरीजों और तीमारदारों की जांच नहीं कराई जा रही है। भीड़ पर भी कोई पाबंदी नहीं है। किसी भी मरीज की थर्मल स्कैनिग नहीं हो रही है। यही हाल इनडोर का है। वार्डों में मरीजों के साथ तीमारदारों की भीड़ दिनभर लगी रहती है। चिकित्सकों या नर्सिंग स्टाफ द्वारा संक्रमण को देखने के बावजूद कोई रोक-टोक नहीं की जा रही है। नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिए गए हैं कि वे व्यवस्था बनाएं। हेल्प डेस्क संचालित करा हर आने वाले की जांच कराएं। इमरजेंसी में भी तीमारदारों की भीड़ पर पाबंदी लगाई जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

डा. आरके सागर, सीएमएस

जिला अस्पताल।

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