35 जोड़ों ने थामा एक-दूजे का हाथ

संवाद सूत्र, किशनी : बुधवार को किशनी के पृथ्वीपुर का बरातघर सामूहिक विवाह का साक्षी बना

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Mar 2018 11:42 PM (IST) Updated:Wed, 07 Mar 2018 11:42 PM (IST)
35 जोड़ों ने थामा एक-दूजे का हाथ
35 जोड़ों ने थामा एक-दूजे का हाथ

संवाद सूत्र, किशनी : बुधवार को किशनी के पृथ्वीपुर का बरातघर सामूहिक विवाह का साक्षी बना। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 35 जोड़ों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। सुबह नौ बजे से ही विवाह की रस्में संपन्न कराने को दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन पहुंचने लगे। सुबह दस बजे से रस्में शुरू हुईं। जिलाधिकारी प्रदीप कुमार, सीडीओ विजय कुमार गुप्ता, सीएमओ डॉ. अर¨वद गुप्ता, समाज कल्याण अधिकारी इंद्रा ¨सह, नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल मिश्रा और ब्लॉक प्रमुख मीरा यादव ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। यहां गाजे-बाजे के साथ बरात पहुंची। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने बरात की अगवानी की। शादी के बाद बेटियों को उपहार देकर विदाई दी गई। एसडीएम देवेंद्र ¨सह, ईओ डॉ. कल्पना बाजपेई, बसपा जिलाध्यक्ष दीपक पेंटर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रदीप ¨सह चौहान, अनुराग पांडेय, सपा नगर अध्यक्ष डैनी यादव, मुनींद्र ¨सह चौहान, विनोद गुप्ता, रामनरेश गुप्ता, सत्यनारायण मिश्रा, प्रधान नीरज पांडेय, बॉबी पांडेय, ओमजी दुवे, सभासद कृष्णा चौहान, पंडा शाक्य, जितेंद्र कुमार,गीतकार बलराम श्रीवास्तव मौजूद रहे।

दिव्यांग जोड़े को दिया आशीर्वाद विवाह समारोह में पैरों से दिव्यांग लाली निवासी हुसैनपुर और पैरों से ही दिव्यांग जितेंद्र निवासी औंछा ने भी सात फेरे लिए। एक-दूसरे का साथ ¨जदगी भर निभाने की कसम खाई। इन्हें जिलाधिकारी ने उपहार देकर विदाई दी।

दूल्हा भागा, वापस लौटी दुल्हन

विवाह समारोह में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक दूल्हा बरातघर के द्वार से दुल्हन का हाथ छोड़कर भाग गया। अजीतगंज निवासी कौशल की शादी गांव देवपुरा मुड़ौसी निवासी एक लड़की से तय हुई थी। वर और कन्या पक्ष बुधवार को बरातघर पहुंचे, लेकिन बरातघर के दरवाजे से ही दूल्हा कौशल कन्या का हाथ छोड़ भाग गया। कन्या के परिजन काफी देर तक दूल्हे से फोन पर संपर्क कर आने की कहते रहे, लेकिन वह नहीं लौटा। काफी देर इंतजार करने के बाद दुल्हन परिजनों के साथ वापस घर लौट गई।

जेवरों की जांच करते रहे परिजन

बेटियों को सरकार की तरफ से उपहार में बिछिया, चांदी की पायल, मोबाइल, साड़ी और अन्य उपहार दिए गए। उपहार में मिली बिछिया और पायल की परिजन जांच करते रहे, बार-बार उन्हें परखते कि कहीं नकली तो नहीं हैं।

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