अस्तित्व की जंग लड़ रहा मेदेपुर का तालाब

मैनपुरी, अजीतगंज: विकास खंड जागीर के गांव मेदेपुर का तालाब अस्तित्व बचाने के लिए जंग लड़ रहा है। ग्रा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jun 2017 11:20 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jun 2017 11:20 PM (IST)
अस्तित्व की जंग लड़ रहा मेदेपुर का तालाब
अस्तित्व की जंग लड़ रहा मेदेपुर का तालाब

मैनपुरी, अजीतगंज: विकास खंड जागीर के गांव मेदेपुर का तालाब अस्तित्व बचाने के लिए जंग लड़ रहा है। ग्रामीणों ने इसकी भूमि पर कब्जा जमा रखा है। वहीं इसमें उगी झाडि़यों ने तालाब को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। ग्रामीण की पुरजोर मांग के बाद भी खोदाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है।

मेदेपुर में गांव के किनारे स्थित तालाब का क्षेत्रफल 10 बीघा है। इस पर गांव के लोगों ने कब्जा कर रखा है। हाल ये है कि लगभग छह बीघा तालाब ही बचा है। खोदाई न होने से उसमें झाडि़यां और घास उग आई है। बारिश के मौसम में पूरे गांव का पानी इसी में जाता था, लेकिन इसके बंद होने से तालाब में बारिश का पानी एकत्रित नहीं हो पाता है। इससे गांव में जलभराव हो जाता है। ग्रामीणों ने कई बार तालाब को कब्जा मुक्त कराने और खोदाई कराने की मांग की लेकिन प्रधान की अनदेखी के चलते अब तक खोदाई शुरू नहीं हो सकी है। ग्राम प्रधान उदयवीर ¨सह शाक्य का कहना है कि ग्राम पंचायत के अन्य तालाबों की खोदाई का काम चल रहा है। जल्द ही मेदेपुर के तालाब की खोदाई का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

लोगों की बात

-प्रशासन को तालाब पर कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे अन्य लोगों को भी सबक मिल सके। साथ ही प्रति वर्ष इसकी खोदाई सुनिश्चित कराई जानी चाहिए।

रघुवीर ¨सह

-तालाब हमेशा से लोगों के लिए फायदेमंद रहे हैं। बारिश का पानी तालाब में एकत्रित हो जाता था। इसका उपयोग लोग ¨सचाई और अन्य कार्यों में करते थे। प्रशासन को सभी तालाबों की खोदाई करानी चाहिए।

संटू यादव

-पहले गांव में कच्चे मकान होते थे, जिनमें प्रतिवर्ष तालाब से मिट्टी निकाल कर लगाई जाती थी। इससे बगैर खोदाई के तालाबों की सफाई हो जाती थी और लोगों को भी फायदा होता था।

प्रेमचंद्र शाक्य

-उप जिलाधिकारियों को तालाब की खोदाई के लिए पंचायत सचिवों को निर्देशित करना चाहिए। इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की जानी चाहिए, जिससे काम में तेजी आ सके।

सत्यभान ¨सह

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