हम एक तो देश मजबूत

अलग-अलग होकर भी एक हैं महोबा हमारा देश विशाल लोकतंत्र एवं धर्म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 06:15 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 06:15 PM (IST)
हम एक तो देश मजबूत
हम एक तो देश मजबूत

अलग-अलग होकर भी एक हैं

महोबा : हमारा देश विशाल लोकतंत्र एवं धर्म निरपेक्ष देश है, यहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। जिनकी संस्कृति एक है। बौद्ध हो या जैन पारसी हो या सिख ,हिदू हो या मुस्लिम सभी मानते हैं कि उनके पूर्वज एक थे। सभी को एक सूत्र में पिरोने के लिए तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर तिरंगा बनाया गया। यह कोई साधारण कपड़ा नहीं है, बल्कि इसे हमने राष्ट्रीय एकता का प्रतीक माना है। तिरंगे के मान व सम्मान में लाखों भारतीय अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। इसी त्याग व बलिदान के परिणामस्वरूप हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक तिरंगा सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है। हमें अपने देश की एकता व अखंडता पर गर्व है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की भाषाएं व बोलियां बोली जाती हैं। इसीलिए कहा जाता है, कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी। फिर भी हमारा देश अनेकता में एकता का प्रतीक है।

- कृष्ण चंद्र तिवारी, प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय, भरवारा ब्लाक, पनवाड़ी, महोबा हमारी एकता ही हमें मजबूत बनाती है

भारत एक विशाल विविधताओं वाला देश हैं, हमारी एकता ही देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाती है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत विभिन्न भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण है। यही सांस्कृतिक विरासतें हमें एक बनाती हैं। उत्तर में मां गंगा के पवित्र जल को दक्षिण में स्थित रामेश्वरम के शिवलिग पर अर्पित करना। यह परंपरा उत्तरी भारत को दक्षिण भारत से जोड़ती है। ऐसी ही वजहों से सब भारतवासियों के हृदय में एक ही नाम धड़कता है वह है हिदुस्तान। यही एकता हमें और हमारे देश को सशक्त व मजबूत बनाने का काम करती है। कितना भी विकट समय या विकराल समस्या सामने हो अगर हम एक हैं तो हम उससे आसानी से पार पा सकते हैं। हमें इतिहास से सबक लेते हुए हमेशा अपने जेहन में रखना चाहिए कि यदि हम एक रहेंगे, मिलकर रहेंगे तो हमारी एकता और अखंडता के आगे किसी की हिम्मत नहीं जो हमारे देश का मुकाबला कर सके।

- भूपेंद्र कुमार विश्वकर्मा, सहायक अध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपरामाफ, श्रीनगर, महोबा अनेकता में एकता हमारी पहचान

हमारा देश एक विशाल परंपराओं वाला देश है, अनेकता में एकता इसकी पहचान है। संसार के दूसरे देश हमारी विशाल धरोहर को देखकर सीखते हैं और अनुसरण करते हैं। इसीलिए हमारा देश संसार में श्रेष्ठ भारत के नाम से जाना जाता है। आज बहुत से लोग धर्म, भाषा, क्षेत्र व जाति के नाम पर देश की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो घातक है। पहले तो हमें एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करना सीखना होगा। परिवार में अलग राय रखने वाले व्यक्ति को घर से निकाल नहीं दिया जाता है। यह भी सही है कि लोग अपनी संस्कृति को बढ़ावा दें परंतु दूसरे की संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए। जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था तो कुछ लोगों ने घोषणा की थी कि इतनी विविधताओं के देश का बिखरना तय है परंतु उनकी यह घोषणा मिथ्या साबित हुई।

- उपेंद्र सिंह, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्ेयमिक विद्यालय सिजरिया, कबरई, महोबा

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