यूरिया से भरे गोदाम, फिर भी किसान हलकान

जिले में संचालित होती हैं 905 खाद की दुकानें

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 06:47 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 06:47 PM (IST)
यूरिया से भरे गोदाम, फिर भी किसान हलकान
यूरिया से भरे गोदाम, फिर भी किसान हलकान

महराजगंज: यूं तो खाद की जनपद में किल्लत नहीं है। गोदाम भरे हैं, लेकिन थोक-फुटकर विक्रेता कृत्रिम किल्लत दिखाकर किसानों का शोषण कर रहे हैं, तो तस्कर इसका फायदा उठाकर खाद नेपाल सीमा पार भेजने के मंसूबे में भी कामयाब हो रहे हैं। गुरुवार को पीसीएफ केंद्र महराजगंज पर यूरिया लेने के लिए किसानों की भीड़ लगी रही।

तराई के 148000 हेक्टेअर भू-भाग पर धान की रोपाई की गई है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए खाद की आवश्यकता है। मौसम भी इसके अनुकूल है। संबंधित किसानों को निजी, सहकारिता, पीसीएफ, गन्ना, एग्रो, इफ्को आदि के कुल 142 केंद्रों के माध्यम से खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। गोदाम भी फुल हैं, लेकिन किसानों को यह समय से नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान परेशान हैं और पैदावार प्रभावित होने को लेकर चितित हैं। केंद्र पर यूरिया लेने पहुंचे किसान राघवेंद्र मल्ल, राजकिशोर यादव, लल्लन आदि ने कहा कि किसानों को खाद के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिला कृषि अधिकारी विरेंद्र कुमार ने कहा कि खाद की किल्लत नहीं हैं। जिले में विभिन्न केंद्रों के पास 10 हजार एमटी खाद उपलब्ध है। समितियों, केंद्रों को निर्देशित किया गया है कि खाद का वितरण पारदर्शिता के साथ करें। लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रों द्वारा पीओएस मशीन का नहीं हो रहा उपयोग:

सरकार ने उर्वरक बिक्री के लिए आधार कार्ड आधारित पीओएस मशीन लगाने और अमल में लाने का फरमान जिले में विफल साबित हो रहा है। जिले के दुकानदार योजना को अमलीजामा पहनाना उचित नहीं समझ रहे हैं। दुकानदार किसानों को कैशमेमो भी नहीं दे रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बिना मशीन के बिक्री करने वाले दुकानदारों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी