कोरोना की दूसरी लहर में भी डटीं हैं स्टाफ नर्स हेमलता
नर्स के रूप में वर्ष 2013 से दे रहीं सेवा
महराजगंज: कोरोना की दूसरी लहर में भी स्वास्थ्य कर्मी मजबूती से डटे हैं। स्टाफ नर्सों के सेवा की तो मिसाल दी जा रही है। इन्हीं लोगों में से एक नाम लक्ष्मीपुर सीएचसी पर तैनात स्टाफ नर्स हेमलता का भी है। हेमलता कोरोना की पहली लहर में पाजिटिव हो गईं थीं। पाजिटिव होने पर घर- परिवार व सहकर्मी चितित थे। लेकिन मुश्किल दौर में भी हेमलता ने हौसला नहीं छोड़ा। घर में ही क्वारंटाइन रह कर कोविड नियमों का पालन किया। नियमित दवा लेने के साथ ही चिकित्सकों की राय के मुताबिक परहेज किया। जिसके चलते 14 दिन बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। उसके बाद हेमलता पुन: अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ चलीं। दूसरी लहर आने के बाद भी वह जरा भी विचलित नहीं हैं। नियमित ड्यूटी कर अपने कार्य दायित्वों का बखूबी से निर्वहन कर रहीं हैं। उनके सेवा भाव की देन है कि मरीज व स्वजन इनके मुरीद हो गए हैं। कोरोना काल में दो सौ प्रसूताओं का कराया प्रसव:
मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली हेमलता वर्ष 2013 से स्टाफ नर्स के रूप में सेवा दे रहीं हैं। कोरोना काल में जब लोग घर से नहीं निकलना चाह रहे थे, हेमलता ने 200 से अधिक महिलाओं का प्रसव कराकर मिसाल पेश की। इनकी पहली तैनाती रतनपुर सीएचसी पर हुई थी। उसके बाद इनका स्थानांतरण लक्ष्मीपुर सीएचसी पर हो गया। कोरोना के चलते लोग भयभीत हैं, ऐसे दौर में लोगों को हौसला देने की जरूरत है। यह भी अन्य बीमारियों की तरह है। समय से इलाज व दवाइयों के बेहतर इस्तेमाल से कोरोना को मात दी जा सकती है। मैं स्वयं कोरोना पाजिटिव थी, अब पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर लोगों की सेवा कर रहीं हूं।
हेमलता, स्टाफ नर्स, लक्ष्मीपुर सीएचसी