लकड़ी ठेकेदारों ने रेंज कार्यालय पर काटा बवाल
सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के सिसवां बाजार स्थित एक आरा मशीन से बुधवार की देर शाम वन विभाग द्वारा छापेमारी कर पकड़े गए लकड़ी लदे पीकअप पर गुरुवार की सुबह दो बोटा अवैध साखू की लकड़ी रखने का आरोप लगा व्यापारी भड़क गए और वनकर्मियों पर फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगाकर हंगामा कर धरने पर बैठ गए।
महराजगंज: सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के सिसवां बाजार स्थित एक आरा मशीन से बुधवार की देर शाम वन विभाग द्वारा छापेमारी कर पकड़े गए लकड़ी लदे पीकअप पर गुरुवार की सुबह दो बोटा अवैध साखू की लकड़ी रखने का आरोप लगा व्यापारी भड़क गए और वनकर्मियों पर फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगाकर हंगामा कर धरने पर बैठ गए।
लकड़ी व्यापारी मो. आजम, खुर्शीद अहमद, नागेन्द्र सिंह, राम औतार अनिल सिंह, जाकिर हुसैन, रामकरन, मनोज तिवारी, सुफी व अमरनाथ पांडेय आदि ने कहा कि सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज अन्तर्गत स्थित ग्राम सभा बलहीखोर निवासी लकड़ी व्यवसायी अमरनाथ चौबे बुधवार की सुबह सिसवां बाजार स्थित एक आरामशीन पर अपनी लकड़ी का चिरान करा रहे थे। चिरान के बाद व्यापारी लकड़ी को अपनी पिकअप पर लदवा रहा था कि इस बीच डिप्टी रेंजर बीके तिवारी व सिसवा क्षेत्र के वन दारोगा श्रीमन शुक्ला मौके पर पहुंचे और लकड़ी का कागजात मांगा। जिस पर व्यापारी ने कागज दिखाया, तो वनकर्मी आधे घंटे बाद लकड़ी के मिलान की बात
कह व्यापारी को वहीं रुकने का निर्देश दे वहां से चले गए। जब वनकर्मी शाम करीब साढे़ सात बजे तक वहां नहीं पहुंचे तो व्यापारी अपनी लकड़ी लेकर जाने की तैयारी में ही था कि इस बीच रेंजर निचलौल सूर्यबली यादव दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर व्यापारी को हिरासत में लेकर पीकअप को रेंज लेकर आ गए। व्यापारी के बार बार कहने पर भी रेंजर ने कागज से लकड़ी की मिलान नहीं कराई। गुरुवार की सुबह लकड़ी को जप्त कर वनकर्मी कारोबारी को लेकर महराजगंज जाने लगे। यह जानकारी लकड़ी व्यवसायियों को हुई तो वे रेंज परिसर में एकत्रित हो हंगामा शुरु कर दिए। इसके बाद वनकर्मी लकड़ी की मिलान के लिए राजी हुए। पीकअप से लकड़ी उतारी गई तो चिरान के बीच में दो बोटा साखू की लकड़ी देख व्यापारी आक्रोशित हो गए और रेंजर को आरामशीन की वीडियो दिखाया तो रेंजर और व्यापारियों में कहा सुनी होने लगी। रेंजर निचलौल सूर्यबली यादव ने कहा कि उन पर दबाव बनाने के लिए गलत आरोप लगाया जा रहा है।