ग्राम पंचायतों के आरक्षण में घालमेल

महराजगंज: जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों के आरक्षण में घालमेल का मामला प्रकाश में आया है। इसे लेकर ब

By Edited By: Publish:Sat, 03 Oct 2015 11:29 PM (IST) Updated:Sat, 03 Oct 2015 11:29 PM (IST)
ग्राम पंचायतों के आरक्षण में घालमेल

महराजगंज: जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों के आरक्षण में घालमेल का मामला प्रकाश में आया है। इसे लेकर ब्लाक से जिले तक आपत्तियों की फेहरिस्त है। निचलौल विकास खंड के ग्राम पंचायत लोढि़या निवासी गिरीश चंद्र पांडेय ने ग्राम पंचायत के आरक्षण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए खंड विकास अधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित ग्राम को साजिश के तहत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसकी जांच कर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को निरस्त करते हुए सामान्य वर्ग के लिए जारी की जाय। शिकायतकर्ता ने कहा कि ग्राम की जनसंख्या सामान्य वर्ग से अधिक है। ग्राम के बगल में ग्रामों को जनसंख्या के आधार पर पिछड़ा वर्ग, अनु. जाति के लिए आरक्षित किया गया है। ग्राम पंचायत जनसंख्या के आधार पर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था, परंतु किसी साजिश के तहत लोढि़या को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित करा दिया गया। जो ठीक नहीं है। यहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या 325, अनुसूचित जनजाति की संख्या 51, पिछड़ा वर्ग की संख्या 1470 तथा सामान्य वर्ग की जनसंख्या 78 दर्शायी गयी है। शिकायतकर्ता ने कहा कि जनगणना के आधार पर पूर्व वर्षों की भंति इस वर्ष सामान्य वर्ग जनसंख्या 430 है, जबकि पिछड़ा वर्ग 1077 है, अनुसूचित जाति 325 है। कुल जनसंख्या 1833 वर्तमान समय में है। जिसके आधार पर मेरा ग्राम सामान्य वर्ग हुत आरक्षित होना नितांत आवश्यक है। आरक्षण प्रक्रिया की पुन: जांच कर ग्राम को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया जाय। इसी प्रकार घुघली विकास खंड के ग्राम सभा भिटौली निवासी राज बहादुर यादव व अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपे गए शिकायती पत्र में कहा कि ग्राम सभा में रैपिड जनगणना 2015 का सर्वे हुआ है। उसमें सामान्य जाति 1974 दिखाया गया है, जो पूर्णतया गलत है। ग्राम सभा में मात्र 250 सामान्य जाति के व्यक्ति हैं। इसी प्रकार पिछड़ी वर्ग के लोगों का 1716 दिखाया गया है। जो लगभग 3000 है, और इसी क्रम में अनुसूचित जाति का 600 दिखाया गया है, जो कि लगभग 600 है, जो सत्य है। ग्राम सभा में यह सब कार्यवाही कुछ व्यक्तियों के निजी लाभ देने के लिए कर्मचारियों की मिलीभगत से की गई है। किसी सक्षम अधिकारी से इसकी जांच कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध न्यायिक एवं दंडात्मक कार्यवाही की जाए।

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