यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- विधायक मुख्तार अंसारी को बेशर्मी से संरक्षण दे रही पंजाब सरकार

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया और कहा कि यूपी सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:29 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:02 PM (IST)
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- विधायक मुख्तार अंसारी को बेशर्मी से संरक्षण दे रही पंजाब सरकार
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

लखनऊ, जेएनएन। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया और कहा कि यूपी सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपी सरकार ने पंजाब सरकार पर मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार बेशर्मी से मुख्तार अंसारी को संरक्षण दे रही है।

यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोर्ट में जघन्य अपराध के दस केस चल रहे हैं। अंसारी उगाही के एक मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की रूपनगर जेल में बंद है। सरकार ने आग्रह किया कि मुख्तार को यूपी जेल भेजा जाए और उससे संबंधित मामला भी प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। हालांकि शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार की मांग पर अगली सुनवाई मंगलवार यानी दो मार्च तक के लिए टाल दी है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है ताकि उसे प्रदेश में लंबित मामलों में पेश किया जा सके। इस मामले में अंसारी के अलावा पंजाब सरकार ने भी जवाब दाखिल कर उत्तर प्रदेश की याचिका का विरोध किया है। पंजाब ने न सिर्फ अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल उत्तर प्रदेश की याचिका पर सवाल उठाया बल्कि मुख्तार का स्वास्थ्य खराब होने की भी दलील दी है। वहीं अंसारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी जान को खतरा बताया है।

बुधवार को जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मुख्तार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल स्थानांतरित करने का विरोध करते हुए कहा कि वह एक छोटा मामूली आदमी है जिसके पीछे उत्तर प्रदेश सरकार पड़ी है। इस दलील पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश तुषार मेहता ने कहा कि यह इतने छोटे आदमी हैं कि इन्हे बचाने के लिए पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी के साथ इनके पीछे खड़ी है। हालांकि मामले की सुनवाई दो मार्च तक के लिए टल गई क्योंकि पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने निजी कारणों का हवाला देते हुए सुनवाई टालने की अपील की थी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपत्ति न जताए जाने पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।

पिछली सुनवाई पर भी उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में कहा था कि पंजाब सरकार अंसारी का इतना ज्यादा समर्थन कैसे कर सकती है। यह गंभीर मामला है इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी लिखित दलील में अंसारी को यूपी की जेल से पंजाब स्थानांतरित किए जाने के पीछे मुकदमे की सुनवाई में देरी की साजिश का भी अंदेशा जताया है। प्रदेश सरकार ने कहा कि अंसारी एक छोटे मामले में दो साल से पंजाब की जेल में बंद है। उस मामले में अब तक आरोपपत्र भी दाखिल नहीं हुआ है। मुख्तार ने भी जमानत के लिए आवेदन नहीं किया। अंसारी को पंजाब की जेल से यूपी की जेल स्थानांतरित करना बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अंसारी के खिलाफ पंजाब में लंबित मामला भी यूपी स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।

बता दें कि मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश लाने की पुलिस की अब तक हर तरकीब फेल रही है। यूपी सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी सहारा लिया, लेकिन वहां भी अब तक असफलता ही हाथ लगी। पंजाब सरकार ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस के हवाले नहीं कर सकते हैं। हालांकि अब भी यूपी पुलिस व सरकार मुख्तार को यूपी लाने की जुगत में लगी हुई है। अब तक इस सिलसिले में दो बार गाजीपुर पुलिस पंजाब जा चुकी है।

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