UP के सरकारी अस्पतालों का हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा नाम, सभी CMO को निर्देश जारी

UP News अब उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी जिला अस्पतालों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा। वहीं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी अपनी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखा जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 06 Sep 2022 09:48 PM (IST) Updated:Tue, 06 Sep 2022 09:48 PM (IST)
UP के सरकारी अस्पतालों का हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा नाम, सभी CMO को निर्देश जारी
उन्नाव के मोहम्मद हारुन की शिकायत पर जारी किए निर्देश।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखे जाने के निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को दिए गए हैं। यही नहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वह अपनी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखें।

उन्नाव के मोहम्मद हारुन की ओर से पत्र लिखकर शिकायत की थी की दूसरी राजभाषा के रूप में उर्दू को मान्यता दी गई है, इसके बावजूद विभिन्न विभागों के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में इसका पालन नहीं हो रहा। ऐसे में निदेशक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डा. शैलेष की ओर से शासनादेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

अब उत्तर प्रदेश के सभी 167 सरकारी जिला अस्पतालों, 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 2934 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा। वहीं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी अपनी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखा जाएगा।

मालूम हो कि भाषा विभाग की ओर से सात अक्टूबर 1989 को उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी और 19 नवंबर 1990 को शासनादेस जारी किया गया था। समय-समय पर इसका पालन कराने के लिए निर्देश भी जारी होते रहे हैं लेकिन सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा। अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत के मद्देनजर यह आदेश जारी किया है।

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