UP Election Results 2022: स्ट्रांग रूम में जाने के बाद ईवीएम को बदलना या उसमें छेड़छाड़ करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी

UP UP Election Results 2022 ईवीएम स्ट्रांग रूम में कड़े पहरे में रहती हैं। इतना ही नहीं हर जिले में पर्यवेक्षक दूसरे राज्यों के अधिकारी होते हैं। उनके पास पल-पल की सूचना रहती है। वहां पर सुरक्षा की जिम्मेदारी पैरामिलिट्री फोर्स के पास रहती है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 10 Mar 2022 08:57 AM (IST) Updated:Thu, 10 Mar 2022 08:57 AM (IST)
UP Election Results 2022: स्ट्रांग रूम में जाने के बाद ईवीएम को बदलना या उसमें छेड़छाड़ करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी
यूपी इलेक्शन रिजल्ट 2022 : ईवीएम के स्ट्रांगरूम

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में सात चरण में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी को परिणाम का इंतजार है। इसी बीच ईवीएम से छेड़छाड़ तथा बदलने को लेकर काफी हंगामा मचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मतदान के बाद सभी ईवीएम के स्ट्रांगरूम में जाने के बाद इससे ना तो किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जा सकती है और ना ही इसको वहां से बाहर निकाला जा सकता है।

उत्तर प्रदेश चुनाव की मतगणना से पहले समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगी दलों ने एग्जिट पोल के बाद ईवीएम को बदलने तथा उससे छेड़छाड़ का आरोप लगाकर भाजपा सरकार पर सवाल खड़ा किया है। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी ने तो अपनी निगरानी टीम भी बनाकर हर जिले में मतदान केन्द्र पर तैनात की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो प्रशिक्षण के लिए भेजी जा रही ईवीएम पर ही ट्वीट कर माहौल गरमा दिया है।

इन सबके बीच विशेषज्ञों का मानना है कि वोटिंग के बाद स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम को ना तो कोई हैक कर सकता है और ना ही उसको बाहर निकाला जा सकता है। वहां पर इस दौरान 24 घंटे सीसीटीवी मानिटरिंग के दौर में निर्वाचन आयोग के निर्देशों से हटकर कोई भी अफसर वहां पर जा भी नहीं सकता है।

ईवीएम स्ट्रांग रूप में कड़े पहरे में रहती हैं। इतना ही नहीं हर जिले में पर्यवेक्षक दूसरे राज्यों के अधिकारी होते हैं। उनके पास पल-पल की सूचना रहती है। वहां पर सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस या फिर पीएसी की नहीं, बल्कि पैरामिलिट्री फोर्स के पास रहती है। स्ट्रांग रूम में हर जगह पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था और उसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग होती है। सभी जगह पर स्ट्रांगरूम को मतदान के बाद सभी पार्टी प्रत्याशियों की उपस्थिति में सील किया जाता है। इतना ही नहीं रिटर्निंग ऑफिसर (एसडीएम) के भी स्ट्रांग रूम तक जाने पर प्रतिबंध है।

स्ट्रांग रूम की चाबी डबल लॉक (ट्रेजरी) में रखने की व्यवस्था है। इस ट्रेजरी की चाबी का भी दो राजपत्रित अधिकारियों की कस्टडी में रखा जाने का प्रावधान है। इसके अलावा सभी ईवीएम का नंबर ऑनलाइन डिस्प्ले कर दिया जाता है। ईवीएम की बूथवार नंबर के साथ लिस्ट सभी पार्टी प्रत्याशी को पहले ही दे दी जाती है। स्ट्रांग रूम से ईवीएम को निकालना और उसके स्थान पर दूसरी ईवीएम रखने की प्रक्रिया में कई दर्जन कर्मचारियों और अधिकारियों की जरूरत पड़ती है।  

chat bot
आपका साथी