दूरदर्शन व आकाशवाणी पर सभी दलों को प्रचार करने का अवसर, नेताजी रख सकेंगे अपनी बात

UP VidhanSabha Chunav 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के हर चरण में दूरदर्शन-आकाशवाणी पर पार्टी के प्रचार के लिए सभी दलों को समान समय मिलेगा। जिससे कि नेताजी अब ज्यादा बात कर सकेंगे। सभी दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर चुनाव प्रचार के लिए 1798 मिनट का आवंटन किया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 06:20 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 06:26 PM (IST)
दूरदर्शन व आकाशवाणी पर सभी दलों को प्रचार करने का अवसर, नेताजी रख सकेंगे अपनी बात
दूरदर्शन और आकाशवाणी पर राजनीतिक प्रसारण का उद्देश्य

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर में संवाद के लिए वर्चुअल माध्यम की मार्केट बढ़ गई है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर नेताजी को अपनी बात लोगों तक पहुंचाने में दूरदर्शन-आकाशवाणी भी बड़ी भूमिका में है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के हर चरण में दूरदर्शन-आकाशवाणी पर पार्टी के प्रचार के लिए सभी दलों को समान समय मिलेगा। जिससे कि नेताजी अब ज्यादा बात कर सकेंगे। सभी दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर चुनाव प्रचार के लिए 1,798 मिनट का आवंटन किया गया है। अपने दल के प्रचार के लिए इस बार हर पार्टी को कम से कम 90 मिनट यानी डेढ़ घंटा का समय मिलेगा। प्रचार के लिए समय आवंटन को लेकर चुनाव आयोग में हुई बैठक में यह साफ कर दिया गया है कि हर पार्टी को कम से कम 90 मिनट का समय प्रचार के लिए जरूर दिया जाएगा। दूरदर्शन केन्द्र लखनऊ 16 दिनों के लिए पांच फरवरी से पांच मार्च तक इनका प्रसारण करेगा। प्रसारण का समय दोपहर एक से तीन बजे के बीच रहेगा। 14 दिन के लिए आकाशवाणी पर सुबह दस से 11 बजे और शाम को साढ़े पांच से सवा छह बजे के बीच प्रसारण होगा। दूरदर्शन व आकाशवाणी दोनों में प्रचार के लिए भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 478 मिनट दिए गए हैं।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक राजनीतिक दल आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रचार के लिए तय समय का इस्तेमाल नामांकन पत्र दाखिल होने की अंतिम तिथि से चुनाव प्रचार खत्म होने की समय सीमा तक कर सकेंगे।

तय हैं कड़े नियम

पारदर्शी तरीके से सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का मौका दिया जाता है। इस दौरान वह अपनी बात आकाशवाणी और दूरदर्शन के स्थानीय चैनलों के जरिए प्रसारित करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपनी स्क्रिप्ट पर आयोग से मंजूरी लेनी जरूरी होगी। इसमें ऐसी कोई सामग्री प्रसारित नहीं होगी, जिसमें किसी देश की आलोचना की गई हो। जाति और धर्म के आधार पर कोई भी अपील या आलोचना भी नहीं कर सकते हैं। ऐसी कोई बात जिससे हिंसा या दंगा भड़कने की आशंका होगी या आपत्तिजनक बयान को भी प्रसारित नहीं किया जा सकेगा।

लोगों तक दलों की बात पहुंचाना ही उद्देश्य

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, डॉ. ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर राजनीतिक प्रसारण का उद्देश्य यही है कि लोग हर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के पक्ष को जानें। उनका पक्ष जानने के लिए प्रसारण जरूर देखें, सुनें और उसके बाद अपने विवेक के अनुसार कोई भी मत बनाएं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान जरूरी है। बेहतर तरीके से सोच विचार करके अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

अहम भूमिका निभाएंगे प्रसारण

दूरदर्शन लखनऊ केन्द्र की कार्यक्रम प्रमुख रमा अरुण त्रिवेदी के अनुसार लोक प्रसारक की भूमिका को निभाते हुए दूरदर्शन हमेशा से ही जनमानस तक सही विचार पहुंचाने का काम करता आया है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी भी है। वहीं, आकाशवाणी की कार्यक्रम प्रमुख मीनू खरे ने कहा कि चुनाव में यह प्रसारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लोगों को मौका मिलेगा पार्टियों के पक्ष को जानने और फिर अपने विवेक अनुसार निर्णय लेने का। इस प्रसारण को न्यूज आन एआइआर एप के माध्यम से पूरी दुनिया में कहीं भी सुना जा सकेगा।

ऐसे तय होता है समय

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बैठक होती है। कुल प्रसारण समय को छोटे छोटे स्लॉट में बांटते हैं। दो मटके रखे जाते हैं। एक मटके में पार्टी का नाम और दूसरे में प्रसारण समय के स्लॉट रहते हैं। लॉटरी निकाली जाती है, जिसके अनुसार समय आवंटित कर दिया जाता है।

पार्टियों को मिला समय

भाजपा :                   478 मिनट

तृणमूल कांग्रेस :        90 मिनट

बहुजन समाज पार्टी:  307 मिनट

समाजवादी पार्टी:      303 मिनट

कांग्रेस :                   151 मिनट

सीपीआइ :                92 मिनट

सीपीआइ एम :          90 मिनट

एनसीपी :                 90 मिनट

एनपीपी :                 90 मिनट

आरएलडी :              107 मिनट। 

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