यूपी विधानसभा में कुंभ और कानून-व्यवस्था पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, सत्तापक्ष ने सराहा
यूपी विधानसभा में विपक्ष ने कुंभ, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों पर कठघरे में खड़ा किया तो सत्तापक्ष ने सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़े।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी विधानसभा में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के सदस्य एक-दूसरे को आईना दिखाते रहे। विपक्ष ने कुंभ, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था समेत तमाम बुनियादी मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने सरकार की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े। विधानसभा में चर्चा की शुरुआत भाजपा के मनीष असीजा ने की। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों के साथ अभिभाषण का समर्थन किया। फिर सपा सदस्य संग्राम यादव ने कुंभ के नाम पर सरकार द्वारा किये जा रहे राजनीतिकरण को मुद्दा बनाते हुए कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा।
सरकार हर मोर्चे पर फेल
बसपा के हरगोविंद भार्गव ने समस्याएं गिनाते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल है और अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है। भाजपा सदस्य साकेंद्र वर्मा को मौका मिला तो वह विपक्ष पर बरस पड़े। कहा, कागज फाड़कर विधानसभा परिसर को विपक्षी सदस्यों ने गंदा किया और इससे इनकी मंशा जाहिर है। बसपा सदस्य विनय शंकर तिवारी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण जुमलेबाजी का एक ग्रंथ है। तिवारी ने एक संस्मरण के हवाले से बताया कि कुंभ में बिना निमंत्रण करोड़ो लोग जुटते थे और एक पत्रा के आधार पर करोड़ों लोग स्नान करते थे। लेकिन, इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाए है और कुंभ का राजनीतिकरण किया है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ इवेंट कर रही है और इवेंट के नाम पर घपले-घोटाले हो रहे हैं। विनय शंकर ने धुरियापार चीनी मिल चलाने और राम जानकी मार्ग के जीर्णोद्धार की मांग उठाई।भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने बिना नाम लिए कांग्रेस की एक राष्ट्रीय महासचिव के ट्वीट की निंदा की जिसमें साधु-संतों को पाखंडी कहा गया है।
किसान खुश न नौजवान, फिर भी पीठ थपथपाई
सपा सदस्य नफीस अहमद ने कहा कि पांच वर्ष हमारी सरकार थी तो राज्यपाल नसीहत देते थे लेकिन, आज न किसान खुश और न ही नौजवान, फिर भी पीठ थपथपाई जा रही है। उन्होंने अलीगढ़ में गांधी की तस्वीर पर गोली चलाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सिर्फ गिरफ्तारी ही काफी नहीं बल्कि, हिंदू महासभा पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सपा के ही अमिताभ बाजपेयी ने सरकार के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानपुर के 100 टेनरी वाले अपना उद्योग लगाने कोलकाता जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में एनकाउंटर भी हाफ और फुल हो रहे हैं और उसी हिसाब से रेट तय हो रहे हैं। अमिताभ ने राज्यपाल को अभिभाषण पर सिर्फ इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने पिछली बार 67 पेज का अभिभाषण पढ़ा लेकिन, इस बार घटाकर 30 पेज कर दिया।
प्रतीकों से बुआ-बबुआ की कहानी
अभिभाषण की सराहना करते हुए भाजपा के आनन्द स्वरूप शुक्ला ने विपक्ष पर खूब हमले किए। बसपा सुप्रीमो पर टिप्पणी कर वीडियो वायरल होने पर सुर्खियों में आईं भाजपा की ही साधना सिंह ने ननद-भौजाई के प्रतीकों से बुआ-बबुआ की एक कहानी सुनाई। कहा, बुआ ने बबुआ के साथ ऐसा किया कि बबुआ चलना भूल गया, बोलना भूल गया और कुछ करना भूल गया। बबुआ दिव्यांग हो गया। साधना ने कहा कि अगर चेकिंग नहीं होती तो सपा के लोग कागज के गोले की जगह राज्यपाल पर एके 47 चलाते। सपा के मनोज पारस ने पलटवार किया। कहा, आप लोगों ने राज्यपाल से झूठ का पुलिंदा पढ़वाया है। राज्यपाल के अभिभाषण में दलित उत्थान का कोई जिक्र नहीं है। भाजपा की संगीता बलवंत और संजय सिंह गंगवार ने भी विपक्ष पर खूब हमले किए। संजय ने बुआ की नोटों की दुकान खुलने की बात कही तो बसपा के सुखदेव राजभर ने आपत्ति की। भाजपा के उदयभान चौधरी ने भी योगी सरकार की सराहना की।