यूपी के मंत्री को तीन वर्ष की कैद की सजा, निजी मुचलके पर रिहा

अखिलेश सरकार में बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को मारपीट तथा जान से मारने की धमकी के मामले में मीरजापुर की एक अदालत ने तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई। इसके बाद में कोर्ट ने उनको बीस-बीस हजार के मुचलके पर जमानत दे दी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 01 Mar 2015 04:33 PM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2015 04:35 PM (IST)
यूपी के मंत्री को तीन वर्ष की कैद की सजा, निजी मुचलके पर रिहा

लखनऊ। अखिलेश सरकार में बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को मारपीट तथा जान से मारने की धमकी के मामले में मीरजापुर की एक अदालत ने तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई। इसके बाद में कोर्ट ने उनको बीस-बीस हजार के मुचलके पर जमानत दे दी।

मीरजापुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश भारद्वाज ने बीस वर्ष पहले डाकिया से मारपीट, चिट्ठियों का बंडल छीनने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को दोषी पाते हुए कल तीन वर्ष के कारावास और नौ हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। बाद में कोर्ट ने बीस- बीस हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। दिलीप रतनगंज में कैलाश चौरसिया के मकान में रहते थे। उनके नाम एक रजिस्ट्री आई थी। हेड पोस्ट आफिस का डाकिया कृष्ण देव त्रिपाठी कई बार रजिस्ट्री लेकर गया लेकिन दिलीप नहीं मिले। आखिरकार उसने इसे वापस कर दिया। कृष्ण देव 19 अक्टूबर 1995 को पत्र और मनीआर्डर आदि वितरित करने के लिए रतनगंज मोहल्ला गया था। कैलाश चौरसिया ने घर के बाहर डाकिया को देखते ही दिलीप की रजिस्ट्री के बारे में पूछा। उसने रजिस्ट्री वापसी की बात बताई तो कैलाश ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए हाथ से डाक का बंडल छीन लिया और गोली मारने की धमकी दी। पोस्टमैन ने कटरा कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। गवाहों के परीक्षण व उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। इस दौरान मंत्री भी मौजूद थे। फैसले के बाद मंत्री चौरसिया की ओर से कोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। अदालत ने उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया।

राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया ने कहा कि न्यायालय का निर्णय स्वीकार है। इस फैसले से विधानसभा की सदस्यता पर आंच नहीं आएगी।

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