लखनऊ में 18 बिजली घरों की लाइन लॉस बढ़ा रहा बिजली विभाग की धड़कने, हर माह करोड़ों का नुकसान

लखनऊ में बिजली चोरी से विभाग को करोड़ों कर हर माह नुकसान लो वोल्टेज व बिजली संकट का भी मुख्य कारण लाइन लॉस।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 03:30 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 03:30 PM (IST)
लखनऊ में 18 बिजली घरों की लाइन लॉस बढ़ा रहा बिजली विभाग की धड़कने, हर माह करोड़ों का नुकसान
लखनऊ में 18 बिजली घरों की लाइन लॉस बढ़ा रहा बिजली विभाग की धड़कने, हर माह करोड़ों का नुकसान

लखनऊ, जेएनएन। उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली देने का दावा फेल हो रहा है। राजधानी के अठारह से अधिक बिजली घर ऐसे हैं, जहां बिजली चोरी ज्यादा होने के कारण उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली न मिलने के साथ ही बिजली विभाग को भी हर माह करोड़ों की चपत लाइन लॉस के रूप में झेलनी पड़ रही है। हालांकि यह चपत लगाने वाले ऐसे लोग हैं, जो कटिया, बाईपास करके बिजली महकमे को आर्थिक चोट पहुंचाने के साथ ही अपने पड़ोसी को जो पूरा बिल समय से जमा कर रहे हैं, उन्हें भी परेशान कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को चिन्हित करते हुए कार्रवाई के निर्देश मुख्य अभियंता ने दिए हैं। हर माह 19 फीसद बिजली लाइन लॉस के रूप में खराब हो रही है। बिजली महकमा इसे अपनी भाषा में एग्रीगेटेड एंड टेक्निकल काॅमर्शियल लॉसेस (एटीएंडसी) कहता है। इसकी हर समीक्षा बैठक में चर्चा होती है, लेकिन जो कार्रवाई होनी चाहिए वह नहीं हो पा रही है। इससे

तमाम कोशिशों के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

मुख्य अभियंता प्रदीप कक्कड़ के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से अभियान शुरू किया गया है। उनके मुताबिक जिन बिजली घरों में लाइन लॉस ज्याता है, वहां अभियान चलेगा और लाइन लॉस शून्य किया जाएगा। बता दे कि राजधानी में करीब पौने नौ लाख बिजली उपभोक्ता है, इनको उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन हर माह एडवांस भुगतान करके बिजली खरीदकर देता है। वहीं इसमें से अठारह से उन्नीस फीसद बिजली खराब हो रही है। ऐसे में बिजली की दरे बढ़ाकर इसकी भरपाई होती है। अगर क्षेत्रीय अभियंता इस नुकसान को रोक ले तो ईमानदार उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ नहीं बढ़ेगा।

25 हजार ई रिक्शा बने मुसीबत

राजधानी में करीब 25 हजार ई रिक्शा संचालित होते हैं इसके अलावा बिजली चोरी होने से नुकसान हो रहा है। पुराने लखनऊ व शहर से हटकर जो बिजली विभाग के खंड हैं, वहां स्थिति सुधर नहीं रही है। राजधानी में एक भी ई रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट ऐसा नहीं है, जिसने चार्जिंग के लिए नियमानुसार कनेक्शन लिया हो ओर ई रिक्शा चार्ज कर रहा हो। अमूमन जो ई रिक्शा कई संचालित करवा रहे हैं, उनके पास दो से पांच किलोवॉट का वाणिज्य कनेक्शन है, लेकिन लोड आठ से दस किलोवॉट का है। 

इन बिजली घरों से लेसा को नुकसान

न्यू राजाजीपुरम, सूगामऊ, नूरबाड़ी, गेहरु, फतेहगंज, दुबग्गा, ठाकुरगंज, इंटौजा, नादान महल रोड, लौलई, अमीनाबाद, चिनहट का शिवपुरी, अहिबरनुपर, बीकेटी, अपट्रान, जीपीआरए, कमता, विक्टोरिया हैं।

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