UP Assembly by poll 2019 : उम्मीदवार का तो बस चेहरा, असली लड़ाई तो भाजपा ही लड़ेगी
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों पर सोमवार को भाजपा के दस और सहयोगी अपना दल एस के एक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल कर दिया।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों पर सोमवार को भाजपा के दस और सहयोगी अपना दल एस के एक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल कर दिया। इन उम्मीदवारों की घोषणा नामांकन से ठीक एक दिन पहले रविवार को हुई थी। भाजपा ने अपने इस फैसले से साफ कर दिया कि उम्मीदवारों का बस चेहरा होगा और असली लड़ाई तो पार्टी ही लड़ेगी।
हमीरपुर उप चुनाव के परिणाम से भाजपा की चिंता बढ़ी है। वर्ष 2017 के मुकाबले इस बार भाजपा को हमीरपुर में 36 हजार से अधिक मतों की क्षति उठानी पड़ी, जबकि इस दफा निषाद पार्टी भी भाजपा के साथ खड़ी है। 2017 में निषाद पार्टी को करीब आठ हजार मत मिले थे। सपा को मात्र 5691 और बसपा को 31745 मतों की ही हानि हुई। हारने के बाद भी सपा चुनाव मैदान में दमदारी से रही। इसलिए अब सभी क्षेत्रों में भाजपा पूरी ताकत से जुटेगी। भाजपा ने गंगोह, रामपुर, इगलास (सु), लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, मानिकपुर, जैदपुर(सु), जलालपुर, बलहा (सु) और घोसी में अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि प्रतापगढ़ सीट सहयोगी दल के लिए छोड़ी है।
उम्मीदवार घोषित करने में पार्टी ने भले देरी की, लेकिन चुनावी तैयारी में सभी दलों से आगे रही। जून माह में ही उप चुनाव वाले क्षेत्रों में एक मंत्री और भाजपा प्रदेश पदाधिकारी को प्रभारी और समन्वयक बना दिया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद बूथों तक पार्टी ने जश्न मनाया और भावनात्मक माहौल को और मजबूती दी। उप चुनाव वाले क्षेत्रों में भाजपा की तिरंगा यात्रा ने भी युवाओं को प्रदर्शन का मौका दिया।
अब दो अक्टूबर से प्रदेश के सभी संसदीय क्षेत्रों में पदयात्रा का कार्यक्रम तय किया गया है। भाजपा सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में गांधी जयंती दो अक्टूबर से सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर तक प्रतिदिन औसत दस किलोमीटर और कुल 150 किलोमीटर पदयात्रा करनी है। इसके लिए विधानसभा वार रूट तय किया गया है। उप चुनाव 21 अक्टूबर को होना है। संबंधित क्षेत्रों में सांसदों की पदयात्रा में अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक जैसे मुद्दों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा।