Terrorism in India: राम जन्मभूमि पर अभी भी नापाक निगाहें, जम्मू पुलिस की गिरफ्त में आए आतंकी ने बता दी ब्लास्ट की योजना

Terrorism in India अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लगातार खतरा बना है। जम्मू पुलिस की गिरफ्त में आए जैश के चार आतंकियों से पूछताछ में पता चला कि योजना अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर को भी दहलाने की थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 15 Aug 2021 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 07:17 AM (IST)
Terrorism in India: राम जन्मभूमि पर अभी भी नापाक निगाहें, जम्मू पुलिस की गिरफ्त में आए आतंकी ने बता दी ब्लास्ट की योजना
इनकी योजना अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर को भी दहलाने की थी

लखनऊ, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इसपर लगातार खतरा बना है। जम्मू पुलिस की गिरफ्त में आए जैश के चार आतंकियों से पूछताछ में पता चला कि इनकी योजना अयोध्या में राम जन्मभूमि को भी दहलाने की थी। इसका सूत्रधार भी चार आतंकियों में शामिल शामली का इजहार उर्फ सोनू खान है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को जैश के माड्यूल को ध्वस्त किया। इसमें पकड़े गए चार आतंकियों में से एक उत्तर प्रदेश के शामली थाना कांधला के वार्ड 18 मोहल्ला मिर्दगान निवासी इजहार खान उर्फ सोनू खान पुत्र इंतजार खान भी है। इसके खिलाफ दक्षिण जम्मू के थाना गंगीयाल में मुकदमा केस दर्ज था। उसको 24 जुलाई को जम्मू पुलिस और एटीएस टीम ने उसे शामली के रोडवेज बस अड्डे से पकड़ा था। वह अपने भाई नूर मोहम्मद के साथ जम्मू में फल का कारोबार करता था। अब उसका दूसरा रूप भी सामने आ गया है। इजहार जम्मू में फल का कारोबार करता है, लेकिन गिरफ्तारी की कहानी कुछ और ही कहानी कह रही है। उसके मंसूबे खतरनाक हैं। तीन आतंकियों के साथ जम्मू पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। यह चारों आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कारिंदों के संपर्क में थे।

उत्तर प्रदेश के आतंकी इजहार खान ने पुलिस को बताया कि पाकिस्तान में जैश कमांडर मुनाजिर ने उसे अमृतसर बार्डर से हथियारों की खेप को एकत्र करने का जिम्मा सौंपा था। जैश कमांडर ने पानीपत आयल रिफाइनरी की तस्वीरें और वीडियो भी भेजी थीं। इसके बाद अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर पर भी हमले की योजना थी। जम्मू पुलिस ने इजहार के साथ जिन तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है, उनमें पुलवामा का जहांगीर भी शामिल है। जम्मू पुलिस चारों गिरफ्तार युवकों का आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कारिंदों से संपर्क होना बता रही है।

चारों आतंकियों ने बताया कि इनके टारगेट पर अयोध्या के रामजन्म भूमि मंदिर के साथ जम्मू और पानीपत में तेल रिफाइनरी सहित कई महत्वपूर्ण जगह हैं। इन आतंकियों को पंजाब के अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान के ड्रोन से हथियार और गोलाबारूद गिराने के बाद उन्हेंं एकत्र करना था। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या या समारोह के दौरान वाहनों में आइईडी फिट कर धमाकों को अंजाम देना था, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा सके। मुंतजर मंजूर जैश का आतंकी है। गिरफ्तार तौसीफ अहमद शाह को पाकिस्तान में बैठे जैश कमांडर शाहिद और अबरार ने कहा था कि जम्मू में किराये पर मकान ले। उसने इस हुक्म की तामील की। उसे कोई पुरानी मोटरसाइकिल लेने के लिए कहा गया था, ताकि जम्मू में स्वतंत्रता दिवस पर आइईडी विस्फोट किया जा सके। आइईडी जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये गिराई जानी थी। पकड़ा गया एक अन्य आतंकी जहांगीर अहमद कश्मीर घाटी सहित देश के अन्य राज्यों में जैश के लिए युवाओं को भर्ती करने का काम कर रहा था। इन्हेंं हमलों को अंजाम देने के लिए तैयार किया जा रहा था। इस बीच, पुलिस उस तक पहुंच गई और उसे भी दबोच लिया गया।

फल कारोबारी से आतंकी

शामली के थाना कांधला के वार्ड 18 मोहल्ला मिर्दगान के इजहार खान उर्फ सोनू खान पुत्र इंतजार खान का बड़ा भाई नूर मोहम्मद कई वर्ष से जम्मू में फल का कारोबार करता था। वह बाद में इजहार को भी अपने साथ ले गया था। दोनों भाई वहां कारोबार संभाल रहे थे। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले ही इजहार की गिरफ्तारी आतंकी के रूप में होने के बाद कांधला सहित पूरे जनपद का माहौल गर्माया है। कांधला में लोग मामले में चर्चा कर रहे है कि इजहार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था और दिखाने के लिए वह अपने भाई के साथ फल का कारोबार करता था।

अब इजहार की गिरफ्तारी के बाद से परिवार के लोग काफी मुखर हैं। इजहार के भाई नूर मोहम्मद ने मीडिया को बताया था कि वह और इजहार जम्मू में फल का कारोबार करते थे। उनका भाई निर्दोष है। वह सात भाई है, किसी का भी आपराधिक इतिहास नहीं है। उनके एक साझेदार का परिचित पुलवामा निवासी जहांगीर है। उसने भाई इजहार के मोबाइल से कई बार बातचीत की है। कर्ज होने के कारण जहांगीर अपना मोबाइल अधिकांश बंद रखता था। वह इजहार के मोबाइल से बात कर लेता था। 

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