लखनऊ में टीले वाली मस्जिद प्रकरण में अब 16 जुलाई को होगी सुनवाई, पढ़ें क्‍या है पूरा मामला

टीले वाली मस्जिद के मामले में निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दाखिल रिवीजन अर्जी पर अब 16 जुलाई को सुनवाई होगी। प्रभारी जज मो. गजाली ने इस मसले को तय तारीख पर संबधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश दिया।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 03 Jul 2022 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jul 2022 03:19 PM (IST)
लखनऊ में टीले वाली मस्जिद प्रकरण में अब 16 जुलाई को होगी सुनवाई, पढ़ें क्‍या है पूरा मामला
लखनऊ में टीले वाली मस्जिद प्रकरण में अब 16 को सुनवाई.

लखनऊ, विधि संवाददाता। टीले वाली मस्जिद के मामले में निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दाखिल रिवीजन अर्जी पर अब 16 जुलाई को सुनवाई होगी। पीठासीन अधिकारी के अवकाश के चलते यह मामला प्रभारी जज की अदालत को संदर्भित था। वहां प्रतिवादी गणों की ओर से वकील शेखर निगम ने एक अर्जी दाखिल की। कहा कि यह रिवीजन पोषणीय नहीं है क्योंकि नौ जून, 2022 को यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने रिवीजनिस्ट को उनके पद से हटा दिया है।

प्रभारी जज मो. गजाली ने इस मसले को तय तारीख पर संबधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश दिया। बीती 31 मई को सुनवाई के दौरान इस अर्जी पर वादी व प्रतिवादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी थी। लिहाजा सत्र अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो जुलाई की तारीख तय किया था। उस रोज दोनों पक्षों को बहस के लिए आवश्यक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था।

वर्ष 2013 में निचली अदालत में दाखिल इस वाद में मस्जिद को हटाकर इसका कब्जा हिंदुओं को देने की मांग की गई है। कहा गया है कि यह पूरा परिसर शेषनाग टीलेश्वर महादेव का स्थान है। लिहाजा इस पर हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए व उनके दर्शन में बाधा डालने वालों को रोका जाए। 25 सितंबर, 2017 को निचली अदालत ने इस वाद के खिलाफ प्रतिवादी की ओर से दाखिल आपत्ति को खारिज कर दिया था।

रिवीजन अर्जी में दी गई चुनौती : निचली अदालत के इस आदेश को रिवीजन अर्जी में चुनौती दी गई है। यह वाद लार्ड शेषनागेस्ट टीलेश्वर महादेव विराजमान, लक्षमण टीला शेषनाग तीरथ भूमि, डा. वीके श्रीवास्तव, रामरतन मौर्य, वेदप्रकाश त्रिवेदी, चंचल सिंह, दिलीप साहू, स्वतंत्र कुमार व धनवीर सिंह की ओर से दाखिल किया गया था।

इसमें यूनियन आफ इंडिया के जरिए सचिव गृह मंत्रालय, आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया की लखनऊ सर्किल, स्टेट आफ यूपी जरिए प्रमुख सचिव गृह, जिलाधिकारी लखनऊ, पुलिस महानिदेशक उप्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ, पुलिस अधीक्षक पश्चिम लखनऊ, इंसपेक्टर चौक व सुन्नी सेंट्रल बोर्ड आफ वक्फ के जरिए चीफ एग्जीक्यूटिव आफीसर के साथ ही मौलाना फजुर्लरहमान को पक्षकार बनाया गया है।

18 जुलाई, 2017, को अदालत ने मौलाना फजुर्लरहमान की मौत के बाद उनके विधिक उत्तराधिकारी मौलाना फजलुल मन्नान को प्रतिवादी स्थापित करने का आदेश दिया था। निचली अदालत में प्रतिवादी की ओर से इस वाद को खारिज करने की मांग की गई थी। अब निचली अदालत में मूल वाद पर सुनवाई 30 जुलाई को नियत है।

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