स्वामी परमहंस दास को पीजीआइ से मिली छुट्टी, प्रशासनिक अधिकारी, प्रो राकेश कपूर सहित तमाम लोगों ने किया विदा

रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंस दास अपने आश्रम में अनशन बैठे थे। उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें एसजीपीजीआइ लखनऊ में भईती कराया गया था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 13 Oct 2018 05:11 PM (IST) Updated:Sat, 13 Oct 2018 05:11 PM (IST)
स्वामी परमहंस दास को पीजीआइ से मिली छुट्टी, प्रशासनिक अधिकारी, प्रो राकेश कपूर सहित तमाम लोगों ने किया विदा
स्वामी परमहंस दास को पीजीआइ से मिली छुट्टी, प्रशासनिक अधिकारी, प्रो राकेश कपूर सहित तमाम लोगों ने किया विदा

 लखनऊ (जेएनएन)। स्वामी परमहंस दास महंत जी का अंशन कल सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने खत्‍म कराया था। इसके बाद आज उन्‍हें पीजीआई से छुट्टी दे दी गई। उनकी  रवानगी के समय वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह, निदेशक प्रोफेसर राकेश कपूर समेत तमाम लोगों ने इन्हें विदा किया।

इससे पहल कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी परमहंस दास को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त करा दिया। दरअसल, रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंस दास अपने आश्रम में अनशन बैठे थे। उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें एसजीपीजीआइ लखनऊ में भईती कराया गया था। शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री ने लखनऊ कार्यालय में परमहंस दास की मांग को गरिमामय व न्यायसंगत बताया और उनकी अन्य मांगों के अनुरूप प्रधानमंत्री से वार्ता कराने का वादा करके अनशन समाप्त कराया। 

इस दौरान अयोध्या विधानसभा क्षेत्र के विधायक वेदप्रकाश गुप्त मौजूद रहे। दरअसल गुप्त ही लखनऊ के पीजीआइ अस्पताल में इलाज करा रहे महंत परमहंस दास को लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंचे थे। परमहंस दास ने मुख्यमंत्री के रुख का स्वागत किया और दोहराया कि उनका अनशन किसी सरकार के विरोध में नहीं था बल्कि राममंदिर निर्माण को लेकर था। परमहंस दास ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते मंदिर निर्माण कठिन नहीं है। गौरतलब है कि परमहंस दास एक अक्टूबर से अपने आश्रम के सामने ही अनशन पर थे। सात अक्टूबर की देर रात पुलिस उन्हें उठाकर पीजीआइ अस्पताल ले गई थी जहां पांच दिनों से उनका इलाज चल रहा था। परमहंस दास शनिवार को दोपहर 12 बजे अपने अयोध्या स्थित आश्रम तपस्वी जी की छावनी पहुंचेंगे।

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