यूपी के गोरखपुर में लुटेरे पुलिसकर्मियों की करतूत से साख पर फिर सवाल, कार्रवाई पर भी कम नहीं हो रहा दुस्साहस

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महराजगंज के दो आभूषण कारोबारियों से सोना लूटने के मामले में बस्ती के दारोगा और तीन सिपाहियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पर फिर से भरोसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 01:00 PM (IST)
यूपी के गोरखपुर में लुटेरे पुलिसकर्मियों की करतूत से साख पर फिर सवाल, कार्रवाई पर भी कम नहीं हो रहा दुस्साहस
यूपी के गोरखपुर में लुटेरे पुलिसकर्मियों करतूत से पुलिस की साख पर सवाल उठ रहे हैं।

लखनऊ [आलोक मिश्र]। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सुरक्षा का भरोसा किससे किया जाए। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महराजगंज के दो आभूषण कारोबारियों से सोना लूटने के मामले में बस्ती के दारोगा और तीन सिपाहियों की गिरफ्तारी के बाद कुछ ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। शासन ने भी घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

आरोपित पुलिसकर्मियों की जल्द होगी बर्खास्तगी : उत्तर प्रदेश सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार व अपराध के मामलों में लगातार कार्रवाई कर कड़े संकेत दिए हैं। डीजीपी मुख्यालय स्तर से भी बीते एक वर्ष में विभिन्न मामलों में दोषी 270 से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार व अन्य संगीन आरोपों में पुलिसकर्मियों के विरुद्ध 50 से अधिक मुकदमे भी दर्ज हुए। भ्रष्टाचार व दुर्व्यवहार के मामलों में पांच पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया। जालौन में हुए तिहरे हत्याकांड में दोषी पाए गए पुलिस उपाधीक्षक भगवान सिंह को भी दिसंबर 2020 में सेवा से बर्खाश्त कर दिया गया था। अब गोरखपुर लूटकांड में गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किए जाने की कसरत भी शुरू हो चुकी है।

अपराधियों से साठगांठ के लगे संगीन आरोप : लगातार कार्रवाई के बावजूद थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों पर भी संगीन आरोपों का सिलसिला बरकरार है। दूसरी ओर बीते डेढ़ वर्ष में कई आइपीएस अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार व अपराधियों से साठगांठ के संगीन आरोप लगे हैं। पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में आरोपित डीआइजी अरविंद सेन और महोबा में क्रशर कारोबारी की आत्महत्या के मामले में आरोपित आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार तो भगोड़ा तक घोषित हो चुके हैं और दोनों की पुलिस तलाश कर रही है। दोनों निलंबित किए जा चुके हैं।

दूसरे पुलिसकर्मियों ने नहीं लिया सबक : कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड को भुलाया नहीं जा सकता। बिकरू कांड में पुलिस व अपराधियों के बीच गठजोड़ की परतें एसआइटी जांच में पहले ही खुल चुकी हैं। फरवरी 2020 में देवरिया में तैनात निरीक्षक के अश्लील वीडियो ने भी महकमे की खूब किरकिरी कराई थी। आरोपित इंस्पेक्टर भीष्मपाल सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया था। इन मामलों में कार्रवाई के बाद भी दूसरे पुलिसकर्मियों ने सबक नहीं लिया।

दोषी पुलिसकर्मियों के साथ अपराधियों जैसा ही होगा व्यवहार : डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि गोरखपुर में पुलिस कर्मियों के द्वारा लूट की घटना बेहद निंदनीय है। प्रकरण में दूसरों को कड़ा संदेश देने के लिए ही पुरानी बस्ती थाने के एसओ समेत 12 पुलिसकर्मियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है। दोषी पुलिसकर्मियों के साथ अपराधियों के जैसा ही व्यवहार होगा। उन्हें सेवा से बर्खास्त भी किया जाएगा। अपराधियों के साथ सांठगाठ अथवा किसी अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध बेहद कठोर कार्रवाई होगी।

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