विद्यार्थी और बुजुर्ग ज्यादा हो रहे डिप्रेशन का शिकार
71वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस : किशोरों पर पढ़ाई व करियर का दबाव और बुजुर्गों में अकेलापन जिम्मेदार। सोशल बनें और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर इससे बचें, गायत्री मंत्र से कम होता है डिप्रेशन।
लखनऊ, जेएनएन। किशोर और बुजुर्ग डिप्रेशन का ज्यादा शिकार बन रहे हैं। मनोरोग चिकित्सकों के पास 15 वर्ष की आयु के किशोर और 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग इलाज करवाने ज्यादा पहुंच रहे हैं। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार, छह प्रतिशत लोग इसका शिकार हैं। नूर मंजिल के मनोचिकित्सक डॉ. हेमंत नायडू ने बताया कि हर महीने 60 वर्ष से अधिक के दस मरीज डिप्रेशन की समस्या लेकर आ रहे हैं।
दरअसल, यह वह बुजुर्ग हैं जिनमें से मियां या बीवी में से कोई एक अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह अपने बेटे या बेटी के साथ अपार्टमेंट में रहते हैं। बहू-बेटा नौकरी पर चले जाते हैं और उनका पूरा दिन अकेलेपन में ही बीतता है। किशोरों के साथ समस्या यह है कि उनके मम्मी-पापा तय कर देते हैं कि वह इंजीनियर ही बनेंगे। भले ही बच्चा मैथ्स में कमजोर है फिर भी दबाव बनाकर कोचिंग करवाकर उसे पढऩे को मजबूर करते हैं। ऐसे कई किशोर इलाज करवा रहे हैं। मोटर साइकिल, महंगा भोजन और गर्लफे्रंड का खर्चा उन्हें डिप्रेशन की ओर धकेल रहा है।
उधर, केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. हरजीत सिंह ने इससे बचने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दी। बताया कि एम्स दिल्ली के शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि इससे एंजाइटी व डिप्रेशन दूर करता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को पांच वक्त नमाज पढऩा चाहिए। किसी से कभी अपनी तुलना न करें। आप को भगवान ने खूबसूरत जिंदगी दी है, इसे और खूबसूरत बनाएं।
शराब पीने से और बढ़ता है डिप्रेशन
युवा करियर में मनचाही ऊंचाई न पाने पर युवा अक्सर शराब पीते हैं या फिर कोई और नशा कर डिप्रेशन दूर करने की कोशिश करते हैं। डॉ. हेमंत नायडू कहते हैं कि इससे तो डिप्रेशन और बढ़ता है।