यूपी में यूरिया खाद की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए बढ़ी सख्ती, अब पीओएस मशीन से ही होगी बिक्री

उत्तर प्रदेश में रबी फसलों की बोवाई का कार्य पूरा होने के बाद इन दिनों खड़ी फसलों में जरूरत के मुताबिक यूरिया खाद की टाप ड्रेसिंग की जा रही है। इस समय असामाजिक तत्व खाद की जमाखोरी व कालाबाजारी में लिप्त हो जाते हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 09:44 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 09:45 PM (IST)
यूपी में यूरिया खाद की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए बढ़ी सख्ती, अब पीओएस मशीन से ही होगी बिक्री
उत्तर प्रदेश में खाद की बिक्री पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीन से ही कराने के आदेश दिए गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में खाद की बिक्री पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीन से ही कराने के आदेश दिए गए हैं। जिलों में जमाखोरी रोकने और मांग के सापेक्ष आवंटन जिलास्तरीय समिति को कराएगी, साथ ही अंतरराज्यीय सीमा पर नियमित निगरानी करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में रबी फसलों की बोवाई का कार्य पूरा होने के बाद इन दिनों खड़ी फसलों में जरूरत के मुताबिक यूरिया खाद की टाप ड्रेसिंग की जा रही है। इसकी वजह से यूरिया खाद की मांग और बिक्री तेज है। अत्यधिक मांग के समय असामाजिक तत्व खाद की जमाखोरी व कालाबाजारी में लिप्त हो जाते हैं इसलिए खाद बिक्री केंद्रों का निरीक्षण और पीओएस मशीन के अनुसार बिक्री का सत्यापन जरूरी हो गया है।

अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे निर्देश में लिखा है कि इसके लिए गठित जिला स्तरीय समिति निजी व सहकारी क्षेत्रों के उर्वरक बिक्री केंद्रों पर आवंटन करे, ताकि हर क्षेत्र में मांग के अनुरूप खाद की उपलब्धता बनी रहे।

निर्देश है कि उर्वरक बिक्री केंद्रों की निगरानी करते हुए किसानों की जोतबही व खतौनी देखकर उसमें अंकित भूमि और उगाई जाने वाली फसल की निर्धारित संस्तुति के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से ही बिक्री कराई जाए। खाद बिक्री को रजिस्टर पर अंकित किया जाए और खाद खरीदने वाले किसान की जोत व बोई गई फसल का विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए।

फुटकर, थोक व बफर स्टाकिस्टों की दुकानों पर सघन निरीक्षण किया जाए, कहीं भी अनावश्यक भंडारण मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाए। यूरिया का औद्योगिक या गैर कृषि कार्यों में संभावित उपयोग रोकने के लिए टीम गठित करके छापे डलवाएं। इसी तरह से अंतरराज्यीय सीमा वाले जिलों में सघन निगरानी की जाए। वहां किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाए।

chat bot
आपका साथी