कोई कुंदन ज्वैलरी तो किसी ने शुरू किया नेल आर्ट का काम, परंपरा और तकनीक ऐसे साथ-साथ

कोई कुंदन ज्वैलरी तो किसी ने शुरू किया नेल आर्ट का काम। कोई डिजाइनर कपड़ों की बिक्री में लगा तो किसी का हुनर सजा रहा घर।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 May 2018 10:54 AM (IST) Updated:Mon, 21 May 2018 12:23 PM (IST)
कोई कुंदन ज्वैलरी तो किसी ने शुरू किया नेल आर्ट का काम, परंपरा और तकनीक ऐसे साथ-साथ
कोई कुंदन ज्वैलरी तो किसी ने शुरू किया नेल आर्ट का काम, परंपरा और तकनीक ऐसे साथ-साथ

लखनऊ[दुर्गा शर्मा]। श्रृंगार महिलाओं का कुदरती वरदान है। फिर बात खुद को सजाने-संवारने की हो या घर को। परंपरा के साथ तकनीक का मेल इसे और निखारता है। आधुनिकता के रंग में ढले परंपरागत आभूषण सौंदर्य को और बढ़ाते हैं। मामूली से नाखून भी कला का नायाब नमूना बन जाते हैं। सामान्य सूट डिजाइनर बन आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। साज-सज्जा में बदलाव के साथ हमारा घर भी मॉडर्न बन जाता है। शहर की कुछ महिलाओं ने इसी के साथ काम शुरू किया। पारंपरिक तौर-तरीकों में थोड़ा सा प्रयोग इनके लिए कामयाबी का नया आकाश तैयार कर रहा है।

परंपरागत आभूषण का व्यवसाय

- अनीता गुप्ता, शास्त्री नगर

- काम : हेरिटेज ज्वैलरी

कुंदन के परंपरागत आभूषण हमारी संस्कृति से जुड़े हैं। अपनी कारीगरी और डिलेटिंग के लिए मशहूर कुंदन के आभूषण आज भी महिलाओं की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रहते हैं। अनीता गुप्ता ने अपनी इसी परंपरा को व्यवसाय से जोड़ा। अनीता बताती हैं, चार साल पहले कुंदन ज्वैलरी का काम शुरू किया। मुंबई, जयपुर और हैदराबाद से आभूषण मंगवाते हैं। सबसे पहले अपनी किटी मेंबर के बीच बिक्त्री से शुरुआत की। बाद में एफबीबी में दुकान खोला। अब गोमती नगर में शॉप शुरू की है। कुंदन के भारी-हल्के हार और झुमके सब पसंद किए जाते हैं। अनीता का मानना है, गृहिणी के अलावा भी महिलाओं को अपनी पहचान के लिए काम करना जरूरी है। इसके लिए खुद की रुचि का काम शुरू करने से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता।

डिजिटल नेल आर्ट का प्रशिक्षण

- पूनम भार्गव, मॉडल हाउस

- काम : डिजिटल नेल आर्ट

फैशन का जमाना है। खुद को औरों से अलग दिखाने के तमाम तरीके मौजूद हैं। उसमें से नेल आर्ट का चलन बढ़ा है। नेल आर्ट के मैनुअल तरीके से अलग इसकी डिजिटल तकनीक भी है। जिसे पूनम भार्गव ने सीखा। वह बताती हैं, पति के व्यवसाय में साथ दे रही थी। तभी किसी ने इस तकनीक के बारे में बताया। मुझे आइडिया पंसद आया। इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण लिया। मशीन में कैमरा, लाइट और टच स्क्त्रीन समेत तमाम सुविधाएं हैं। दो महीने पहले घर पर ही मशीन से नेल आर्ट करना शुरू किया है। इस तकनीक से समय की बचत होती है। साथ ही यह मैनुअल की अपेक्षा अधिक टिकाऊ और सुविधाजनक है। जून के प्रथम सप्ताह में इसे शॉप के तौर पर शुरू करेंगे। खूबसूरती बढ़ाते डिजाइनर सूट

- आकर्षिता प्रसाद, गोमती नगर

- काम : होम डेकोरहम सजाएंगे आपका घर

कॉलेज जाने वाली लड़किया हों या वर्किंग वुमन. सूट हर जगह पसंद किए जाते हैं। परंपरागत सूट भी डिजाइनर लुक में खूबसूरती को चार चाद लगाते हैं। प्रगति बताती हैं, यूपीटेक में काम करती थी। शादी और फिर बच्चे के बाद ऑफिस वर्क का ना मुश्किल था। लिहाजा खुद का काम करने का ा। घर पर ही ज्वैलरी के साथ काम शुरू किया जो अब डिजाइनर कपड़ों में बदल गया है। 2015 से काम कर रही हूं। कपड़े मंगवाने के साथ ही डिजाइन भी करती हूं। विनय खंड में अपनी दुकान शुरू की है।

हम सजाएंगे आपका घर

- प्रगति ग्रोवर, गोमती नगर

- काम : डिजाइनर कपड़े घर की साज सज्जा बहुत हद तक हमारी को भी दर्शाती है। होम डेकोर आसान काम भी नहीं है। लोगों की छोटी से छोटी पसंद का भी ख्याल रखना पड़ता है। आकर्षिता बताती हैं, पति पहले से इस काम को कर रहे थे। 2015 से मैंने भी उनके साथ काम शुरू किया। सौ पीस तक का ऑर्डर मैं डील करती हूं। उससे ऊपर के ऑर्डर पति के पास जाते हैं। मुरादाबाद में फैक्टरी सेटअप है। फेसबुक और वाट्सएप के माध्यम से भी आर्डर लेते हैं। डिजाइनिंग में लोगों की पसंद के साथ अपनी रचनात्मकता भी रहती है। होम डेकोर में मेटल वर्क का ज्यादा प्रयोग करते हैं। हाल ही में फार्मास्यूटिकल और कॉरपोरेट गिफ्टिंग का भी काम शुरू किया है।

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