स्वदेश लौटे और इंजीनियर से बन गए चायवाला, अब 100 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार Lucknow News

लखनऊ 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे अमित। 2000 लोगों को रोजी-रोटी का अवसर देने का है लक्ष्य। महिलाओं के लिए खोलेंगे अलग आउटलेट्स।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 04:24 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 04:24 PM (IST)
स्वदेश लौटे और इंजीनियर से बन गए चायवाला, अब 100 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार Lucknow News
स्वदेश लौटे और इंजीनियर से बन गए चायवाला, अब 100 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार Lucknow News

लखनऊ [पवन तिवारी]। सात समंदर पार इंजीनियरिंग में कॅरियर संवार रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चायवाला किस्सा सुना तो खुद चायवाला बनने की ठान ली। 25 लाख रुपये सालाना सैलरी पैकेज छोड़कर स्वदेश लौट आए। चाय की प्याली में जोश-खरोश और ताजगी भरा भविष्य तलाशने में जुट गए। तलाश पूरी हुई और वे बन गए चायवाला। अमित तिवारी नाम के इस चायवाले की उम्र भले ही अभी महज 25 साल की हो, लेकिन कामयाबी में वे बड़े-बड़े कारोबारियों को पानी पिला दें। 

किस्म-किस्म की चाय

कैसरबाग बस अड्डे पर कुल्हड़ में मिलने वाली चायवाला की चाय लोगों की जुबान पर चढ़ चुकी है। जिंजर टी यानि अदरख वाली चाय, लेमन टी, ब्लैक टी, इलायची वाली और पुदीने के स्वाद की चाय। कीमत सिर्फ 10 रुपये। सबसे खास बात यह कि यहां आपको कॉफी के लिए भी मात्र 10 रुपये ही खर्च करने होंगे। 

पर्यावरण का खास ध्यान

बकौल अमित, उनकी चाय ईको फ्रेंडली इक्विपमेंट्स से तैयार होती है। कोयला, लकड़ी या गैस के बजाय वे स्टीम से चाय खौलाते हैैं। इसके लिए उनके आउटलेट में खास तरह का इलेक्ट्रिक उपकरण लगा होता है।

रोजगार देना लक्ष्य

लखनऊ के अलावा अमित ने दिल्ली और गुजरात में अपने आउटलेट्स खोले हैैं। इनमें अभी सौ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। वह कहते हैं कि उनका सपना है कि एक हजार आउटलेट्स खोलें और दो हजार लोगों को रोजी-रोटी कमाने का अवसर दें। यही नहीं ऐसा आउटलेट भी जल्द ही खोलेंगे, जहां केवल और केवल महिलाएं काम कर सकेंगी। 

 

घर जैसी चाय तो जोश आ जाए

बस्ती जिले के मूल निवासी अमित घाना के एक पॉवर प्लांट में एसोसिएट इंजीनियर थे। आकर्षक पैकेज होने के बावजूद यह नौकरी उनको नीरस लगी। कहते हैैं कि जब मैैंने मोदी जी के बारे में सुना कि बचपन में वह चाय बेचते थे, तब मन में खयाल आया कि अपने वतन चलकर क्यों चाय के प्याले से कुछ कमाल किया जाए। यह सपना अब पूरा हो रहा है। आउटलेट्स के अलावा कई दफ्तरों में भी हाइजीनिक यानी पूरी स्वच्छता से तैयार चाय बेहद रियायती दरों पर सप्लाई करते हैैं, ताकि घर से बाहर भी लोगों को वही ताजगी और संतोष मिल सके, जो घर की चाय में मिलता है।

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