मायावती ने नक्सल समर्थकों के नाम पर गिरफ्तारी पर विरोध जताया
बसपा अध्यक्ष मायावती ने नक्सल समर्थकों के नाम पर गिरफ्तारी का विरोध कर दलितों की एकजुटता के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया है।
लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने नक्सल समर्थकों के नाम पर पुलिस द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी और गिरफ्तारी का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि दलितों की जबरदस्त एकजुटता से भाजपा घबरा गई है।
बुधवार को जारी बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में द्विशताब्दी कार्यक्रम में स्वाभिमानी दलितों की एकजुटता के बाद से भाजपा सरकारें लगातार दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का उत्पीडऩ कर रही है। सरकारी आंतक व भय फैलाने के लिए देशभर में पुलिस द्वारा छापेमारी कर गिरफ्तारियां की गई। सत्ता के दुरुपयोग की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि नक्सल समर्थकों के नाम पर विभिन्न राज्यों में पुलिस प्रबुद्धजन, कवि, वकील, प्रोफेसर और महिलाओं की गिरफ्तारी की कर रही है। भाजपा सरकारों की घोर विफलता से ध्यान बंटाने के लिए विद्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है।
मायावती ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए विख्यात लोगों का जीवन खुली किताब जैसा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह तर्क की प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में छह राज्यों में छापे और पांच प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी हुई है, दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कार्य गुजरात में भाजपा सरकार के उसी दौर की याद दिलाता है जब मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश विफल करने की आड़ में फर्जी एनकाउंटर किए जाते थे। बसपा प्रमुख ने सलाह दी कि भाजपा सरकारों को अपनी जनविरोधी नीतियों व लोकतंत्र ध्वस्त करने वाली कार्यप्रणाली से बचना चाहिए।