सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए राज्यसभा में विधेयक पारित कराए जाने की निंदा की है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:55 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 08:48 PM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया

लखनऊ, जेएनएन। अभूतपूर्व हंगामे और विपक्ष के भारी विरोध के बीच केंद्र सरकार ने रविवार को कृषि सुधारों से जुड़े दोनों विधेयकों को राज्यसभा से ध्वनिमत से पारित करा लिया। कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी) ने राज्यसभा में विधेयक पारित कराए जाने की निंदा की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्यसभा में किसानों और विपक्ष की आवाज का गला दबाया है। सरकार ने अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों और धन्नासेठों के लिए भारत की दो तिहाई जनसंख्या को धोखा दिया है। लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है।

भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है।

लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है। pic.twitter.com/wfJjAoyGFW

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2020

बता दें कि रविवार को अभूतपूर्व हंगामे और विपक्ष के भारी विरोध के बीच केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों से जुड़े दोनों विधेयकों को राज्यसभा से ध्वनिमत से पारित करा लिया। इस दौरान संसदीय मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाई गई। तृणमूल समेत कई विपक्षी सांसदों ने विरोध के दौरान आसन की माइक तोड़ने से लेकर रूल बुक फाड़ कर हवा में उछालने तक से गुरेज नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधेयकों को पारित कराए जाने को देश के कृषि इतिहास का ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि इससे किसान सशक्त होंगे और कृषि क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव आएगा। वहीं, विपक्ष ने विधेयकों को पारित कराने के तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान के साथ छल करार दिया और स्थगित होने के बाद भी सदन में धरना देते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

ऑनलाइन शिक्षण कार्य महज दिखावा : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकारों को विफलताओं पर कोसा। रविवार को उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद है। ऑनलाइन शिक्षण कार्य केवल दिखावा सिद्ध हो रहा है। मंहगाई चरम पर है। सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थो के आसमान छूते भाव से जनता की थाली और थैली दोनों पर मार पड़ रही है। उन्होंने भाजपा की शोषणकारी साजिशों का विरोध करने का एलान करते हुए सोमवार को सभी तहसील मुख्यालयों पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन करने व ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी।

भाजपा सरकार की मनमानी कार्यशैली से जनता त्रस्त : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी कार्यकर्ता कोरोना से बचाव नियमों का पालन करते हुए अपनी बात मजबूती से रखेंगे। सपा अध्यक्ष ने अपराध वृद्धि व बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक ओर कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है दूसरी ओर भाजपा सरकार की मनमानी कार्यशैली व दमनकारी नीतियों से जनता त्रस्त है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार उचित चिकित्सा के अभाव व लापरवाही के लिए जानी जाएगी। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीदने में महाघोटाला हुआ है। रोजगार की मांग कर रहे नौजवानों पर लाठियां चलाकर सरकार अच्छा नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री रोजगार के झूठे आंकड़े पेश करके युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कृषि विधेयकों को लेकर एक बार फिर भाजपा को असंवेदनशील बताया। सपा प्रमुख ने कहा कि सरकार किसानों को अपनी जमीन पर ही मजदूर बनाने की साजिश रच रही है। इन कुनीतियों का समाजवादी पार्टी हर स्तर पर विरोध करेगी।

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