लखनऊ में ग्रीन कॉरिडोर के दोनों साइड लगेंगे सोलर पैनल, जानें-क्या है सरकार की योजना

लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर के साइड स्लोप्स पर सोलर पैनल लगाये जाएंगे जिससे कि कई मेगा वाॅट प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का उत्पादन होगा। इससे न सिर्फ ग्रीन कॉरिडोर में लगाये जाने वाले पोल लाइटों को बिजली की आपूर्ति होगी बल्कि शेष बिजली से शहर की कई अन्य इमारतें भी रोशन होगी।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 03:21 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 07:14 AM (IST)
लखनऊ में ग्रीन कॉरिडोर के दोनों साइड लगेंगे सोलर पैनल, जानें-क्या है सरकार की योजना
मण्डलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की बैठक में इसका प्रस्ताव दिया गया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर के साइड स्लोप्स पर सोलर पैनल लगाये जाएंगे, जिससे कि कई मेगा वाॅट प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का उत्पादन होगा। इससे न सिर्फ ग्रीन कॉरिडोर में लगाये जाने वाले पोल लाइटों को बिजली की आपूर्ति होगी बल्कि शेष बिजली से शहर की कई अन्य इमारतें भी रोशन होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष/मण्डलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में प्राधिकरण भवन में हुई लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की बैठक में इसका प्रस्ताव दिया गया।

इसके अलावा परियोजना के लिए लैंड बैंक बनाने के लिए समस्त विभागों से उनके पास उपलब्ध सम्पत्तियों का विवरण मांगा गया। इस दौरान कई विभागों द्वारा आंकड़ों सहित भूमि का विवरण उपलब्ध कराया गया, इसकी अध्यक्ष द्वारा समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। वहीं अन्य विभागों को दो दिन के अन्दर लैंड बैंक का डाटा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। बैठक में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, वन विभाग, आबकारी विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग, परिवहन और समाज कल्याण सहित अन्य विभागों के मण्डलीय स्तर के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सर्वप्रथम प्रोजेक्ट इम्प्लीमेन्टेशन यूनिट के सदस्य एके सेंगर ने ग्रीन कॉरिडोर का प्रेजेन्टेशन दिया, जिसमें सभी सदस्यों से सुझाव भी मांगे गये।

लैंड बैंक के मुद्दे पर चर्चा के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधिकारी द्वारा सरोसा-भरोसा गांव में 60 एकड़ जमीन का विवरण दिया गया। इसी तरह सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि कई स्थानों पर सूखी नहर/निष्प्रयोज्य भूमि है, जिस पर अतिक्रमण का खतरा रहता है। इस पर अध्यक्ष रंजन कुमार ने ऐसी सभी भूमि को चिन्हित कर डाटा उपलब्ध करने के निर्देश दिये। इसके अलावा पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम को हस्तांतरित 69 पंचायत भवन की सम्पत्तियों का विवरण दिया। जिस पर समीक्षा करते हुए अध्यक्ष द्वारा नगर निगम से भी उसकी सम्पत्तियों का पूरा ब्यौरा दो दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

बैठक के अंत में अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर से न सिर्फ लखनऊ का परिदृश्य बदलेगा, बल्कि यह प्रदेश के विकास के लिए मार्गदर्शक प्रोजेक्ट का भी काम करेगा। लिहाजा हम सबको मिलकर इस परियोजना को सफल बनाना है, जिसके लिए कार्य में तेजी लानी होगी। बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन गंगवार, मुख्य अभियन्ता इन्दु शेखर सिंह समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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