मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी में शामिल, अम्बिका चौधरी की भी घर वापसी

लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में माफिया डान और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ पार्टी की सदस्यता ले ली है। अम्बिका चौधरी ने भी बेटे से साथ घर वापसी की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 12:01 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 05:55 PM (IST)
मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी में शामिल, अम्बिका चौधरी की भी घर वापसी
मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज समाजवादी पार्टी में शामिल

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा है। लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में माफिया डान और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ पार्टी की सदस्यता ले ली है। इसके साथ ही अम्बिका चौधरी ने भी बेटे बलिया के जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी से साथ घर वापसी की। मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अम्बिका चौधरी लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। अब वह फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

मऊ से बहुजन समाज पार्टी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिबगातुल्लाह अंसारी भी बेटे के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के बीच के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद हैं, जबकि छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी मउ से बसपा से विधायक हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचे।

सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में लगभग तय है कि उन्हेंं या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।

अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हेंं गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।

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